छापेमारी में ईडी को नकदी के साथ मिला पुख्ता साक्ष्य

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सवा करोड़ की नगदी, दस लाख विदेशी मुद्रा , करोड़ों के जमीन खरीद फरोख्त के सबूत मिलने के दावे

पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह रावत व करीबियों के घर दो दिन तक चली छापेमारी

देहरादून। उत्तराखंड के दबंग राजनीतिज्ञ और पूर्व वन मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ईडी ने कार्बेट टाइगर सफारी घोटाले में करोड़ों की गड़बड़ी और करोड़ों की जमीन खरीद-फरोख्त में जालसाजी करने के पुख्ता सबूत मिलने का इशारा किया है। साथ ही उनके करीबियों से भी सवा करोड़ रूपये नगद के साथ ही सोना व दस लाख से अधिक की विदेशी मुद्रा बरामद होने की बात कही है।

ईडी( प्रवर्तन निदेशालय) की टीम बुधवार से कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत, आईएफएस सुशांत पटनायक, किशन चंद के साथ ही कुछ अन्य लोगों के घर व संस्थानों पर छापेमारी कर रही थी। दो दिन तक की गई खोजबीन के बाद ईडी ने गुरूवार को मीडिया को जारी प्रेस नोट में कहा है कि  ईडी ने दो दिन तक की गई छापेमारी में  हरक सिंह और उनके करीबियों से करीब सवा करोड़ नगदी, सवा किलो सोना, 10 लाख विदेशी मुद्रा समेत करोड़ों की जमीनों के दस्तावेज बरामद किए हैं।

ईडी ने बुधवार को कार्बेट सफारी योजना में हुए करोड़ों के घोटाले में उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में एक साथ 17 ठिकानों पर छापेमारी की कार्यवाही आरंभ की थी। यह कार्रवाई आज गुरुवार को भी जारी रही। ईडी की तरफ से मिली जानकारी में छापेमारी के दौरान टीम ने 1 करोड़ 10 लाख नगदी, 10 लाख विदेशी मुद्रा,  1 किलो 300 ग्राम सोना, बैंक लॉकर, डिजिटल उपकरण, करोड़ों की अचल संपत्ति के दस्तावेज, बरामद किए हैं। ईडी ने यह कार्रवाई उत्तराखंड पुलिस में दर्ज मुकदमे के आधार पर की है।

जमीन घोटाले के पूर्व में चर्चित इस मुकदमे में पूर्व मंत्री डॉ हरक सिंह रावत के करीबी वीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य आरोपी बनाए गए हैं। ईडी के अनुसार पूर्व में जो मुकदमा दर्ज है  उसमें हरक सिंह के करीबी वीरेंद्र कंडारी और नरेंद्र कुमार वालिया ने डॉ हरक सिंह रावत के साथ आपराधिक षडयंत्र रचकर करोड़ों कीमत की दो जमीनों पॉवर ऑफ एटर्नी की सेल डीड बनाई, जो कोर्ट से निरस्त हो  रखी है।

आरोपियों ने उक्त जमीनों की सेल डीड हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह के नाम की है। वर्तमान में इस जमीन पर दून इंस्टीटूट ऑफ मेडिकल साइंस का निर्माण श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के नाम से हुआ है।

इसके अलावा ईडी आईएफएस किशनचंद, रेंजर ब्रिज बिहारी शर्मा व कुछ अन्य अफसरों के खि़लाफ विजिलेंस और वन अधिनियम में दर्ज भ्रष्टाचार के मुकदमे को भी खंगाल रही है। इस मामले में वर्तमान में जेल में बंद तत्कालीन डीएफओ किशनचंद ने बृज बिहारी शर्मा और हरक सिंह रावत तथा इस प्रोजेक्ट से जुड़े तत्कालीन कुछ अन्य नौकरशाह के खिलाफ ईडी जांच कर रही है।

तीन लाख पचास हजार मिले हैं घर से
देहरादून। पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह रावत से ईडी के छापों के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके घर से मिला 3 लाख  50 हज़ार रुपए नगद बरामद हुआ।  यह रूपया हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति की आलमारी से मिला।  इसके अलावा हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति के पास करीब 40,000 कैश मिला । जबकि हरक सिंह रावत से न तो कैश मिला न रूपया।  हरक सिंह रावत ने कहा कि जब वह सरकार में वन मंत्री थे तो उस समय उनकी वही भूमिका थी जो  मुख्यमंत्री की थी।  उनका कार्य  योजनाओं को स्वीकृत करने के प्रयास तक ही सीमित रहते थे।

हरक सिंह रावत ने कहा लडूंगा
देहरादून। पूर्व काबीना मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि उनके साथ यह पहली बार नहीं हो रहा है बल्कि उनकी लोकप्रियता के चलते समय-समय पर उनको नीचा दिखाने के प्रयास होते रहे हैं । उन्होंने कहा कि उनको हर बार कानून पर पूरा भरोसा रहा है और इस बार भी कानून पर पूरा भरोसा रहेगा और वह इस बार भी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

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