देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सत्यनिष्ठा की संस्कृति विकसित करने के लिए सभी को सत्य, ईमानदारी, नैतिकता और पारदर्शिता के साथ कार्य करना जरूरी है।
आज यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार बाईपास रोड स्थित कारगी ग्राण्ट में सतर्कता अधिष्ठान निदेशालय द्वारा सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि’ पर आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह एवं प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि सतर्कता विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से सर्विलांस, तकनीकी एवं वित्तीय विशेषज्ञों की एक टीम गठित की जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सतर्कता अधिष्ठान में सराहनीय कार्य करने वाले कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने देश की एकता और अखण्डता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी जयंती के अवसर पर प्रतिवर्ष लोक प्रशासन को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने के लिए “सतर्कता जागरूकता सप्ताह“ का आयोजन किया जाता है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिस उद्देश्य यह सप्ताह मनाया जा रहा है, उसकी पूर्ति के लिए सभी पारदर्शिता के साथ कार्य करेंगे।“सतर्कता जन-जागरूकता सप्ताह एवं प्रशिक्षण शिविर“ जनता को उनके अधिकारों के बारे में जागरुक करने और लोककृप्रशासन को पारदर्शी एवं उत्तरदायी बनाने में सहायक सिद्ध होगा। सत्यनिष्ठा की संस्कृति विकसित करने के लिए सभी को सत्य, ईमानदारी, नैतिकता और पारदर्शिता के साथ कार्य करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि सतर्कता अधिष्ठान में ऐसे अधिकारियों को भी शामिल किया जाए जिन्हें इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हो। निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन ने जानकारी दी कि 2022 में टोलकृफ्री नम्बर 1064 भी जारी होने के बाद इस पर 7800 शिकायतें दर्ज की गई। सतर्कता विभाग ने पिछले “3 वर्षों में 66 ट्रैप किये हैं।
75 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव गृह शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा, ए.पी अंशुमन, पुलिस अधीक्षक सतर्कता श्रीमती रेनू लोहनी एवं सतर्कता विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।