सीएम धामी ने 824 एएनएम को सौंपे नियुक्ति पत्र

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प्रदेश के सभी जनपदों में दी गई तैनाती
नवनियुक्त एएनएम पर्वतीय क्षेत्रों में 5 साल के लिए अनिवार्य सेवा देंगी
स्वास्थ्य मंत्री, कृषि मंत्री व समाज कल्याण मंत्री भी कार्यक्रम में रहे मौजूद
देहरादून। उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में डॉक्टरों और एएनएम की कमी को पूरा किए जाने को लेकर लगातार डॉक्टरों और एएनएम की भर्ती कर रहा है। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवा सदन में प्रदेश के नवनियुक्त 824 एएनएम को नियुक्ति पत्र दिए जाने को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन सभी नवनियुक्त एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा। हालांकि देहरादून में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान टिहरी, देहरादून, हरिद्वार सहित प्रदेश के सभी जनपदों के लिए एएनएम को नियुक्ति पत्र सौंपा गया है।
इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्री ने एएनएम को इस बात के लिए भी निर्देश दिए गए हैं कि हर ग्राम सभा में महीने में दो बार सीएचओ और आशा के साथ मिलकर स्वास्थ्य चैपाल लगाएंगे। इस चैपाल को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य चैपाल का नाम दिया गया है। हर 15 दिन में लगाई जा रही चैपाल में 50 लाख लोगों को शामिल करने का भी लक्ष्य रखा गया है। यही नहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सभी एएनएम से अनुरोध किया कि जो भी एएनएम चारधाम यात्रा में तैनात की जाएंगी, वो श्रद्धालुओं के साथ बेहतर व्यवहार करें।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि आज जिन 824 स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिलाओं को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है, उन सभी को अगले 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देनी होंगी। लिहाजा 5 साल से पहले कोई भी तबादले के लिए सोर्स- सिफारिश ना करें। साथ ही कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने के लिए 171 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भी नियुक्ति की जा रही है। जिसके तहत 60 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा, 60 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के साथ ही 40 से 45 असिस्टेंट प्रोफेसरों को हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तैनात किया जाएगा।
अप्रैल में उत्तराखंड को मिलेंगे 300 डॉक्टर
देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अप्रैल महीने के पहले वीक में समय मांगा है ताकि अप्रैल में पास होने वाले 300 एमबीबीएस डॉक्टरों को भी नियुक्ति पत्र दिया जा सके। ये सभी डॉक्टर भी अगले 5 साल तक पर्वतीय क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे। क्योंकि इन सभी एमबीबीएस डॉक्टर्स ने सरकार से बॉन्ड के तहत पढ़ाई की है। लिहाजा अगर ये बॉन्ड तोड़ते हैं तो इन्हें एक करोड़ रुपए हर्जाना देना होगा। स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार साल 2024 तक उत्तराखंड राज्य में एमबीबीएस डॉक्टर्स सरप्लस हो जाएंगे, हालांकि 300 सर्जन और स्पेशलिस्ट की जरूरत होगी।
महिला स्वास्थ्य पर सीएम ने जताई चिंता
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की मातृशक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार मातृशक्ति को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। साथ ही कहा कि बजट में महिलाओं को आगे लाने के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है। सीएम धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं पर कहा कि आज भी महिलाओं का जीवन पर्वतीय क्षेत्रों पर काफी संघर्ष भरा है, क्योंकि यह हमेशा ही देखने को मिलता है कि महिला जंगलों में लकड़ी और घास लेने जाती है और वहीं पर महिला का प्रसव हो जाता है।

शिशु मृत्यु दर कम करने को प्लान
देहरादून।  स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्य रूप से एएनएम यानी स्वास्थ्य कार्यकर्ता महिला का काम गर्भवती महिलाओं और शिशुओं से जुड़ा होता है। लिहाजा इन सभी एएनएम को इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव से एक हफ्ते पहले अस्पतालों में भर्ती कराए जाने की बात कही है, ताकि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि एएनएम अपने क्षेत्र में पांच लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही पांच अन्य लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए प्रेरित करें।

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