सुरसिंहधार नìसग कालेज को पीजी की मान्यता, एमएससी नìसग में 15 सीटों की स्वीकृति
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के क्रम में स्वास्थ्य सचिव डा.आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की विस्तृत समीक्षा बैठक ली। बैठक में टिहरी जनपद के सुरसिंहधार स्थित राजकीय नìसग कालेज को पीजी कालेज के रूप में विकसित किए जाने से संबंधित समस्त ¨बदुओं पर गहन चर्चा की गई।
स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों से अब तक की प्रगति, उपलब्ध अवसंरचना, वित्तीय-प्रशासनिक स्वीतियों की स्थिति और निरीक्षण रिपोर्ट के निष्कषरे की जानकारी लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री घोषणाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने निर्देशित किया कि नìसग शिक्षा को सुदृढ़ बनाने, विशेषज्ञ नìसग जनशक्ति तैयार करने और पहाड़ी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने के लिए इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करते हुए प्रस्ताव को समय पर आगे बढ़ाना सुनिश्चित किया जाए।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री घोषणा के अनुपालन में शासन द्वारा 14 अगस्त 2026 को संबांित प्रस्ताव के लिए वित्तीय और प्रशासनिक स्वीतियाँ जारी की जा चुकी हैं। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि टिहरी जनपद के चंबा क्षेत्र में स्थित सुरसिंहधार नìसग कालेज को पीजी कालेज का दर्जा प्रदान कर दिया गया है। इसके लिए सभी औपचारिकताएँ पूरी कर ली गई हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि गठित समिति ने 14 नवम्बर 2025 को राजकीय नìसग कालेज नई टिहरी का स्थलीय निरीक्षण कर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट में बताया गया कि कालेज परिसर में उपलब्ध भवन, कक्षाएँ, प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय आदि पर्याप्त मात्रा में हैं। समिति ने यह भी उल्लेख किया कि कालेज के पास जिला चिकित्सालय बौराड़ी (100 बेड) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरेंद्रनगर (50 बेड) क्लीनिकल पो¨स्टग के लिए उपलब्ध हैं, जो प्रशिक्षण की अनिवार्य शतरे को पूरी तरह पूरा करते हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि निरीक्षण के आधार पर समिति ने राजकीय नìसग कालेज नई टिहरी में एमएससी नìसग कार्यक्रम शुरू करने के लिए 15 नई सीटों की संस्तुति की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि संस्थान में उच्च स्तरीय नìसग शिक्षा शुरू करने के लिए आवश्यक संसाधन, स्टाफ, कक्षाएँ और प्रशिक्षण ढाँचा मौजूद है, जिससे पहाड़ी क्षेत्र में नìसग शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण मजबूती मिलेगी।
