सीएम ने किय राज्य की रजत जयंती के अवसर पर प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का शुभारंभ
11 राज्यों से करीब 199 से अधिक प्रवासी हुए शामिल
उत्तराखंड के इन 25 सालों की यात्रा की जानकारी प्रवासियों को दीे
देहरादून। उत्तराखंड राज्य गठन को 25 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार, राज्य गठन के 25वें वर्षगांठ को रजत जयंती उत्सव के रूप में मना रही है। रजत जयंती के तहत प्रदेश भर में 1 नवंबर से 9 नवंबर तक तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
9 नवंबर को देहरादून स्थित एफआरआई में राज्य स्थापना दिवस को लेकर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें पीएम मोदी शामिल होंगे। बुधवार को दून यूनिवर्सिटी में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें 11 राज्यों से करीब 199 से अधिक प्रवासी शामिल हुए।
उत्तराखंड में दूसरी बार प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इससे पहले साल 2024 में पहली बार इस सम्मेलन का आयोजन किया गया था। आयोजित इस प्रवासी सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य की दिशा और दशा पर मंथन किया गया। सम्मेलन में तमाम सत्रों के जरिए अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्लानिंग, सर्कुलर इकोनामी, कल्चरल एक्सप्रेशंस ऑफ उत्तराखंड, एंपावरिंग वूमेन थ्रू लाइवलीहुड इन उत्तराखंड हिल्स, पब्लिक हेल्थ चौलेंजेस विषय शामिल रहा है।
प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन में देश के 11 राज्यों, हरियाणा, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ , और उत्तर प्रदेश में रह रहे लाखों प्रवासियों में से मात्र 287 प्रवासियों ने सम्मेलन में शामिल होने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से कुल 199 प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन में शामिल हुए। प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान, उत्तराखंड के इन 25 सालों की यात्रा की जानकारी प्रवासियों को दी गई।
प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन सभी प्रवासियों ने अपने राज्य से दूर रहकर उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संजो कर रखा है। साथ ही अपनी संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास भी कर रहे हैं। ऐसे में यह सभी प्रवासी, उत्तराखंड राज्य के सच्चे ब्रांड एंबेसडर हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड की पहचान और गौरव को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सभी प्रवासियों की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है।
सीएम ने कहा पिछले चार सालों में राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें देश-विदेश के तमाम शहरों में जाने का अवसर मिला। जिस दौरान प्रवासी उत्तराखंडी भाई बहनों से मुलाकात हुई। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि भले ही प्रवासी उत्तराखंड से मिलो दूर रह रहे हो लेकिन आज भी अपने पूर्वजों के स्थान और पैतृक गांव से जुड़े हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा ये साल उत्तराखंड राज्य के लिए महत्वपूर्ण वर्ष है क्योंकि राज्य स्थापना के 25 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में इस वर्ष को रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस रजत जयंती वर्ष में देश दुनिया में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी अपने पैतृक गांव से जुड़े, अपने पूर्वजों के स्थान के विकास के लिए अपना योगदान दें। साथ ही सरकार उनसे सुझाव ले, इसके लिए प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन का आयोजन किया गया।
राजस्थान में मुख्य सचिव सुधांशु पंत भी सम्मेलन में हुए शामिल
देहरादून। उत्तराखंड के प्रवासी एवं राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांशु पंत ने कहा उत्तराखंड के लोग जो बाहर रह रहे हैं अगर वह प्रदेश के विकास में रुचि लेंगे तो वह राज्य हित में रहेगा। प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन एक सराहनीय पहला है। उन्होंने कहा वे खुद भी साल में कई बार उत्तराखंड अपने पैतृक गांव जाते हैं। वहीं, दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने कहा हम प्रवासी हैं, इसका मतलब यह नहीं की उत्तराखंड से हमारा संबंध छूट गया है। जब अपने तीज, त्यौहार को देखते हैं तो फिर उत्तराखंड राज्य की याद आती है। उन्होंने कहा उत्तराखंडी होने के साथ हमें स्वाभिमान और गर्व महसूस होता है। ऐसे में उत्तराखंडी के साथ-साथ हमें अपने जड़ों से जोड़ना चाहिए, और जड़ों से जुड़कर मान सम्मान को आगे बढ़ना चाहिए।
राज्यवार सम्मेलन में शामिल हुए प्रवासी
देश के 11 राज्यों से कुल 287 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 199 प्रवासी सम्मेलन में शामिल हुए।
चंडीगढ़ से 19 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 15 पहुंचे।
उत्तरप्रदेश से 36 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 25 पहुंचे।
पंजाब से 44 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 32 पहुंचे।
दिल्ली से 81 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 50 पहुंचे।
राजस्थान से 22 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 14 पहुंचे।
तमिलनाडु से 1 प्रवासी ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जो सम्मेलन में शामिल हुए।
झारखंड से 1 प्रवासी ने रजिस्ट्रेशन करवाया, वे भी सम्मेलन में शामिल नहीं हुए।
हरियाणा से 52 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 43 पहुंचे।
महाराष्ट्र से 20 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 09 पहुंचे।
गुजरात से 4 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। सभी लोग सम्मेलन में शामिल हुए।
मध्यप्रदेश से 7 प्रवासियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 6 पहुंचे।
