देहरादून। शराब की दुकान आवंटन मामले में एक व्यक्ति कदस्तावेज और उसके जाली हस्ताक्षर करने के आरोप में पुलिस ने कांग्रेस नेता समेत चार आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में उन्होंने शिकायत राज्यपाल के साथ ही मानवाधिकार आयोग में भी की थी। जिस पर आयोग ने एसएसपी देहरादून को नोटिस जारी कर अप्रैल 2022 तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। हर्रावाला निवासी देव कुमार शर्मा ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2018 में उनकी मुलाकात पौड़ी गढ़वाल निवासी अंकित रावत व करण गुसाईं से हुई थी। इस दौरान दोनों ने धोखे से उनके पेन कार्ड, आधार कार्ड व मूल निवास प्रमाण पत्र की कापी प्राप्त कर ली। इन दस्तावेजों के साथ ही आरोपितों ने उनके जाली हस्ताक्षर कर लालतप्पड़ में शराब की दुकान के लिए आवेदन किया। इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को तब मिली जब दुकान आवंटित करने के संबंध में उन्हें आबकारी विभाग का पत्र मिला।जब उन्होंने इसकी जांच की तो पता चला कि अमित, दीपक व मधुसूदन ने आबकारी विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके नाम पर विदेशी मदिरा की दुकान ले ली है। दुकान का संचालन एक मई 2018 से शुरू हो गया। उन्होंने इसका इसका विरोध किया और लाइसेंस निरस्त करवाने के लिए आबकारी विभाग के अधिकारियों से मिले। इस पर उन्होंने कहा कि यदि लाइसेंस निरस्त करवाना है तो लाइसेंस की पूरी फीस जमा करनी होगी। पीड़ित ने बताया कि जब उन्होंने दुकान के संबंध में पूरी जानकारी हासिल की तो पता चला कि तीनों आरोपितों ने पौड़ी गढ़वाल निवासी कांग्रेस नेता केशर सिंह नेगी के साथ मिलकर उनकी अनुमति के बिना दुकान ली है।