देहरादून। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर के आसार बन रहे है। राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भाजपा द्वारा डाॅ निशंक का इस सीट से टिकट काटने का खामियाजा चुनाव में पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
पूर्व चुनाव उत्तराखण्ड की हरिद्वार संसदीय सीट पर भाजपा के सिंबल पर डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक ने परचम लहराया था। उसके बाद डाॅ निशंक ने हरिद्वार के विकास का लेखाजोखा तैयार किया। जिसमें वे काफी हद तक सफल भी हुए थे। वे हरिद्वार के समुचित विकास के लिए काम कर रहे थे कि वर्तमान में भाजपा आलाकमान ने डाॅ निशंक का टिकट काटकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को टिकट दे दिया। जबकि प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र रावत पर प्रदेश में भ्रष्टाचार के आरोप है। खुद विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में उन्हे भ्रष्टाचार के चलते कोई खास समर्थन नही मिल पा रहा है।
वर्तमान स्थिति यह है कि त्रिवेन्द्र रावत को खुद उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग नकार रहे है। क्योंकि वे प्रदेश के मुखिया जरूर रहे किन्तु कभी जनप्रिया नेता नही बन पाए। शायद इसी वजह से उन्हे प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से भी हटाया गया था। इसके बाद जिसके चलते कांग्रेस वर्तमान लोकसभा चुनाव में काफी आगे निकलती नजर आ रही है।
खुद पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान ने डाॅ निशंक का टिकट काटकर भष्टाचार के आरोपांे में घिरे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत टिकट देकर कांग्रेस की बल्ले-बल्ले कर दी है। क्योंकि डाॅ निशंक ने हरिद्वार सांसद रहते हुए जो हरिद्वार के विकास का खाका खींचा था उससे संसदीय क्षेत्र की जनता काफी उत्साहित थी।
जनता आज भी डाॅ निशंक को अपना नेता मानती है। चाहे पार्टी आलाकमान का कोई भी निर्णय हो। राजनीतिक सूत्र बताते है कि भाजपा कार्यकर्ता त्रिवेन्द्र रावत को टिकट मिलने से खुश नही है। इससे भाजपा में भीतरघात की आशंका के प्रबल आसार बन रहे है। हांलाकि डाॅ निशंक भाजपा को टिकट न मिलने के बावजूद पार्टी को एक जुट करने का प्रयास कर रहे है। जिसमें उन्हे कितनी सफलता मिलती है। यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।