कोटद्वार। रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम डल्ला में बीती रात ग्रामीणों को दो बाघ नजर आए। ग्रामीणों ने शोर मचा कर बाघ को गांव से दूर करने का प्रयास किया। लेकिन, बाघ ग्रामीणों की ओर बढ़ा। ग्रामीणों ने घर में दुबक खुद की जान बचाई। गांवों के पास बाघ दिखने से ग्रामीणों में दहशत का माहोल है।
बताते चलें कि बीती 13 अप्रैल को बाघ ने ग्राम डला में बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था। इस घटना के बाद वन विभाग ने गांव में करीब 12 दिन तक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन, बाघ विभाग को चकमा देता रहा। गांव में लगातार दो बाघ नजर आ रहे थे। लेकिन, वन महकमा उन्हें नहीं पकड़ सका।बीती रात दो बाघ गांव के करीब पहुंच गए।
बताते चलें कि बीती 13 अप्रैल को बाघ ने ग्राम डला में बुजुर्ग वीरेंद्र सिंह को निवाला बना दिया था। इस घटना के बाद वन विभाग ने गांव में करीब 12 दिन तक बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किया। लेकिन, बाघ विभाग को चकमा देता रहा। गांव में लगातार दो बाघ नजर आ रहे थे। लेकिन, वन महकमा उन्हें नहीं पकड़ सका।बीती रात दो बाघ गांव के करीब पहुंच गए।
ग्रामीण राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि गांव वालों ने शोर मचा कर बाघ को भगाने का प्रयास किया। लेकिन दोनों बाघ दूर जाने के बजाय ग्रामीणों की तरफ आने लगे। जिसके बाद ग्रामीण घरों में कैद हो गए। बताया कि रात करीब दस बजे बाघ उनके आंगन में आ धमका। डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि मौके पर विभागीय टीम को भेज पूरी स्थिति की जानकारी ली जाएगी।