गढ़वाल मंडल के 405 चयनित एलटी शिक्षकों को मिला नियुक्ति पत्र

श्रीनगर। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित सहायक अध्यापकों (एलटी शिक्षकों) को गुरुवार को प्रदेश कें शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नियुक्ति पत्र वितरित किए। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में गढ़वाल मंडल के 405 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट डा धन सिंह रावत ने कहा कि इससे पूर्व देहरादून में भी नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें गढ़वाल मंडल के चयनित 679 में से 274 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। शेष 405 शिक्षकों को आज श्रीनगर में नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सु.ढ़ कर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण प्रायोगिक और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसी दिशा में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति के साथ विद्यालयों में डिजिटल और नवाचार आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।

शिक्षा मंत्री ने चयनित शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें विवास है कि सभी नवनियुक्त शिक्षक अपने दायित्वों का निर्वहन निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे तथा विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वालों में बद्रीनाथ, थराली, चौबट्टाखाल, यमुनोत्री, गंगोत्री, पुरोला, चकराता, नरेंद्रनगर, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, प्रतापनगर सहित विभिन्न पर्वतीय विधानसभा क्षेत्रों के अभ्यर्थी शामिल रहे।

कार्यक्रम में थराली विधायक भोपाल राम टम्टा, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, घनसाली विधायक शक्तिलाल शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष कमल किशोर रावत, मंडल अध्यक्ष विनय घिल्डियाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

संयुक्त अस्पताल में जन औषधि केंद्र का शुभारंभ
क्षेत्र भ्रमण के दौरान कैबिनेट मंत्री डा धन सिंह रावत ने राजकीय इंटर कालेज स्वीत में कंप्यूटर कक्ष के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। यहां 22 लाख 68 हजार की लागत से आधुनिक कंप्यूटर कक्ष का निर्माण किया जायेगा।

वहीं मंत्री डा. रावत ने संयुक्त उप जिला अस्पताल पहुंच जन औषधि केंद्र का उद्धघाटन किया। डा. रावत ने कहा कि जन औषधि केंद्र के शुरू होने से इसका लाभ मरीजों को मिल पायेगा। कहा कि यहां कम दामों पर अच्छी दवाईयां मरीजों का आसानी से अस्पताल के अंदर ही उपलब्ध होगी, जिससे आर्थिक बोझ में भी कमी आयेगी।

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