हरिद्वार। हिंदू धर्म में होली के त्यौहार का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन किया जाता है। उससे अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाती है। इस वर्ष होली पर सौ साल बाद चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।ज्योतिषाचार्य रितेश कुमार तिवारी ने बताया कि 24 मार्च को होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है और 25 मार्च को रंगों वाली होली खेली जाएगी। उन्होंने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौ साल बाद 25 मार्च को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। लेकिन यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। जिस कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
चंद्र ग्रहण उत्तर और पूर्व एशिया, यूरोप, अस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। वहीं, होलिका दहन पर खास छह योग भी बन रहे हैं।
ज्योतिषाचार्य रितेश तिवारी ने बताया कि इस साल होलिका दहन पर छह शुभ योगों का संयोग बन रहा है। होलिका दहन 24 मार्च रविवार को किया जाएगा। रात 11 बजकर 13 मिनट से रात 12 बजकर 7 मिनट तक होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त है। उन्होंने बताया कि होलिका दहन के दिन बनने वाले छह शुभ योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, वृद्धि योग, धन शक्ति योग, त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग है। जिसका ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व बताया गया है। जहां एक ओर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 7 बजकर 34 मिनट से अगले दिन 25 मार्च को सुबह 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।
वहीं, रवि योग सुबह 6 बजकर 20 मिनट से सुबह 7 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। वृद्धि योग रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और अगले दिन 25 मार्च को रात 9 बजकर 30 मिनट रहेगा। वहीं, धन शक्ति योग का निर्माण भी हो रहा है। उन्होंने बताया कि होली के दिन शनि, मंगल व शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इसके अलावा सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग भी बन रहा है। यह सभी योग धन-ऐर्य को बढ़ाने का काम करते हैं।