जनरल बिपिन रावत के नाम पर होगा बड़ी परियोजना का नामकरण

सीएम ने किया कनक चौक के पास जनरल रावत की स्मृति में तैयार स्मारक स्थल व प्रतिमा का लोकार्पण
देहरादून। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की स्मृति में देहरादून के कनक चौक के पास बनाई गई उनकी प्रतिमा व स्मारक स्थल का लोकार्पण शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। लगभग 50 लाख की लागत से तैयार प्रतिमा व स्मारक स्थल का निर्माण एमडीडीए द्वारा किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की स्मृति को चिरस्थायी बनाये जाने के लिये राज्य की किसी बड़ी परियोजना को नाम उनके नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल बिपिन रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा।
सीएम ने पहले सीडीएस जनरल रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी आकस्मिक मृत्यु से देश को जो अपूरणीय क्षति पहुंची है उसकी भरपाई कभी संभव नहीं है। कहा कि उत्तराखंड सैनिक बहुल राज्य है। भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में राज्य के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है। उत्तराखंडी युवाओं का सेना में भर्ती होना प्रमुख प्राथमिकता रही है। सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का अवसर नहीं बल्कि देश व समाज के लिए जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा  असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी। जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए ही जिए। उनका थल सेना प्रमुख और फिर सीडीएस बनना, यह स्पष्ट दर्शाता है कि वे कितने योग्य जनरल थे। सेना के तीनों अंगों के आधुनिकीकरण तथा देश को रक्षा आवश्यकताओं के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाये जाने हेतु जनरल रावत द्वारा विशेष प्रयास किए गए थे। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान उनका मार्गदर्शन सैनिकों के बहुत काम आया।
उन्होंने कहा कि उनके अनुकरणीय योगदान और प्रतिबद्धता को शब्दो में बयां नहीं किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने वीरता के नए कीर्तिमान स्थापित किए। देश के साथ ही उत्तराखंड से भी उनका बड़ा लगाव था। सीएम ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उनका भी सेना के प्रति जुड़ाव रहा है। बचपन में वे भी सेना का हिस्सा बनना चाहते थे। वर्ष 2021 में जनरल बिपिन रावत को जब ज्ञात हुआ कि मेरे पिता महार रेजीमेंट में रहे हैं तो उन्होंने महार रेजिमेंट सेंटर सागर जाने का कार्यक्रम बनाने और स्वयं भी वहां जाने की इच्छा जतायी थी।
लेकिन इससे पहले दुखद घटना घटित हो जाने के कारण महार रेजीमेंट के कार्यक्रम में उन्हें जनरल रावत का सानिध्य नहीं मिल पाया। सानिय नहीं मिल पाया। सीएम ने कहा कि गुनियाल गांव में शहीद सैनिकों की स्मृति में बनाए जा रहे शौर्य स्थल का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। कहा कि सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के हितों के लिए हरसंभव मदद कर सैनिकों के सपनों का उत्तराखंड बनाना हमारा लक्ष्य है।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणोश जोशी व विधायक खजान दास ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, उत्तराखंड सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल संजीव खत्रक्ष, रिटायर मेजर जनरल जीएस रावत, मेजर जनरल आनंद रावत, एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, सैनिक कल्याण निदेशक अमृतलाल,जनरल रावत की दोनों बेटियां कृतिका व तारिणी आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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