सरकार दायित्व का पालन करने में असफल होने के कारण एसएसपी का तबादला करें: हाईकोर्ट
कांग्रेस ने जिपं अध्यक्ष के लिए पुर्न मतदान के लिए दाखिल की एक और याचिका
नैनीताल। उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव में जिपं सदस्यों के अपहरण, अपहरणकर्ताओं की नैनीताल को बिहार बना देने का जश्न से जुड़े वीडियो को बहुत ही गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने इस पूरे मामले में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा को जमकर फटकार लगाई और राज्य सरकार से मीणा का तबादला करने को कहा है।
न्यायालय ने यह भी साफ कर दिया है कि नैनीताल मुख्यालय में इस तरह की घटनाओं से जुड़े लोगों को माफ नहीं किया जा सकता है। एसएसपी ने चौबीस घंटे के भीतर जिपं सदस्यों के अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने का भरोसा दिया है। न्यायालय ने एसएसपी और डीएम वंदना सिंह से शपथपत्र पेश करने को कहा है। इसके साथ ही मामले की मंगलवार को भी सुनवाई जा रखी है। उच्च न्यायालय के इस ताजा रुख के बाद अपहरणकर्ताओं पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है और इससे जुड़े नेताओं के बेनकाब होने की भी संभावना बढ़ गई है।
सोमवार को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक महरा की संयुक्त खण्डपीठ में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। न्यायालय ने जिलाधिकारी नैनीताल से कहा है कि अब तक क्या कार्यवाही उनके द्वारा की गई उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें।
न्यायालय ने जिलाधिकारी से पूछा है कि जो पुर्न मतदान कराने का बयान आपने दिया था उस पर राज्य चुनाव आयोग ने क्या कहा ? इस पर मंगलवार को शपथपत्र में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई क समय पुलिस कप्तान भी पेश हुए। कोर्ट ने उनसे पूछा कि हुई घटना के बारे में आपको क्या कहना है ? उत्तर में एसएसपी व राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि वायरल वीडियो के आधार पर कार्यवाही की जा रही है।
शिकायतों के आधार पर दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। मुदकमा दर्ज होने के बाद कोर्ट ने एसएसपी से फिर से पूछा कि उसके बाद क्या हुआ, कितने के खिलाफ कार्यवाही की जिसका जवाब वे नही दे पाए। ऊ पर से कहा कि जो 5 सदस्य गायब थे उनका बयान मजिस्ट्रेट के वहां दर्ज करा दिये गए हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब गायब हुए ही नही बयान किस आधार पर दर्ज किए ? अपहरण का वीडियो खुद कोर्ट ने देखा है। आप कानून व्यवस्था को बनाये रखने में नाकाम हो। जब जिला अधिकारी ने इस सम्बंध में नोटिस जारी किया गया था तब क्यों उसपर अमल नही किया ? आप कानून व्यवस्था बनाये रखने का कौन सा नया उदाहरण देना चाहते हैं ? ऐसी ही लापरवाही करने के आधार पर सरकार आपका तबादला करें।
इस बीच जिपं अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के मतदान के दिन बलपूर्वक उठाये गए पांच जिला पंचायत सदस्य सोमवार को हाईकोर्ट में पेश किए गए लेकिन आज उनसे कोर्ट की तरफ से कोई पूछताछ नहीं हुई है । इसपर सुनवाई सोमवार को होगी। दूसरी ओर मतदान के दिन जिला पंचायत स्थित मतदान केंद्र से 200 मीटर की दूरी पर हथियारों के साथ एक गिरोह के वहां पहुंचने पर गम्भीर चिंता व्यक्त करते हुए इसे पुलिस की असफलता बताया है और एसएसपी से इस मुद्दे पर विस्तृत शपथ पत्र देने को कहा है। जबकि जिलाधिकारी वन्दना ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में पेश होकर 15 अगस्त की सुबह 3 बजे मतगणना किये जाने को नियमानुसार बताया तथा कहा कि मतगणना के बाद मतपत्र ट्रेजरी के लॉकर में रखे गए थे । जिन्हें आज कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है।
न्यायालय ने जिलाधिकारी से भी इस मामले में शपथ पत्र मांगा है । इस मामले में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी के अधिवक्ताओं ने घोर आपत्ति जताई है। कंग्रेस की ओर से सोमवार को नई रिट फाइल कर जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के लिये पुनर्मतदान की भी मांग की हैं।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने वे सभी वीडियो देखें । जिनमें रेनकोट पहने लोग 5 सदस्यों को घसीटते हुए ले जा रहे हैं। इसके अलावा घटना के बाद कुछ युवकों द्वारा सोशल मीडिया में नैनीताल को हिला डाला शीषर्क से डाले गए वीडियो को भी देखा है। जिस पर न्यायालय ने गहरी चिंता जताई है। एसएसपी ने इन आरोपितों को चौबीस घंटे के भतर गिरफ्तारी का आासन दिया है। इससे पहले सोमवार को हाईकोर्ट परिसर में निषेधाज्ञा लागू की गई थी और न्यायालय के बाहर भारी सुरक्षा का पहरा लगाया गया था।