चमोली। जोशीमठ में नृसिंह मंदिर के पास फिर जलधारा फूटने से हड़कंप मच गया। पानी का रिसाव करीब 3 घंटे तक होने से अफरा तफरी मची रही। बताते चलें कि जोशीमठ में नृसिंह मंदिर मार्ग पर रविवार को यकायक जल धारा फूट पड़ी। जल धारा फूटने से लोग दहशत में आ घिर गए। करीब 3 घंटे की अफरा तफरी के बाद पानी का रिसाव बंद हुआ। स्थानीय लोगों कहना है कि उन्होने पहली बार इस स्थान पर इतना पानी बहते देखा है। जोशीमठ में एक ओर भू धंसाव से प्राकृतिक जल स्रेत सूख रहे हैं तो दूसरी ओर जोशीमठ में ही भूमि का जल अलग अलग थानों पर बाहर फूट पड़ रहा है।
इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि जोशीमठ में अभी भी भूगर्भीय हल चल जारी है। बताया जा रहा है कि लोनिवि के समीप पानी के बड़े-बड़े टैंक हैं। इन टैंकों से ही पानी के रिसाव का अंदेशा जताया जा रहा है। हालांकि जोशीमठ में तैनाती भूगर्भ विशेषज्ञों द्वारा पानी फूटने की जांच की जा रही है। जोशीमठ में भू धंसाव का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच जगह-जगह दरारें बढ़ रही हैं। बदरीनाथ हाईवे पर तो कई स्थानों पर दरारें और चौड़ी होने लगी है।
हालांकि बीआरओ दरारों वाले क्षेत्र में सड़कों को दुरू स्त करने में जुटा है। इसके बावजूद यात्रा काल में वाहनों की भारी आवाजाही के चलते दरारों से यातायात पर संकट बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। गौरतलब है कि जोशीमठ में ही जेपी परिसर मारवाड़ी में भी लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। बताया जा रहा है कि अभी भी मारवाड़ी में पानी का रिसाव 17 एलपीएम है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती का कहना है कि आपदा से जूझ रहे जोशीमठ नगर में इस तरह की कोई भी घटना घटने पर लोगों में तरह-तरह की आशंका पैदा हो रही है। कहा कि माहौल ही ऐसा है कि कुछ भी होने पर इस तरह की आशंका स्वाभाविक भी है। देश की नामी संस्थाओं की अध्ययन रिपोर्ट सार्वजनिक होने से ही इस तरह की आशंकाओं का निवारण हो सकता है।