जोशीमठ के लिए सरकार ने मांगा दो हजार करोड़ का राहत पैकेज

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राज्य के 2022-23 के बजट में भी जोशीमठ के लिए 1000 करोड़ रु. का प्रावधान
देहरादून। भूधंसाव से आपदा ग्रस्त जोशीमठ में  राहत व पुनर्वास आदि के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से लगभग दो हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज मांगा है। आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा की ओर से यह प्रस्ताव भेजा गया है।  सचिव नियोजन डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी और कहा कि राज्य सरकार ने पैकेज मंजूर होने की उम्मीद में राज्य के 2022-23 के बजट में भी जोशीमठ के लिए लगभग एक हजार करोड़ रुपये का प्राविधान किया है। अगर अगर केंद्र सरकार मांगे गए राहत पैकेज से ज्यादा धनराशि मंजूर करती है तो कंटिजेंसी फंड के जरिए जोशीमठ में राहत मुआवजा वितरण किया जाएगा।

सुंदरम ने बताया कि जोशीमठ में प्रदेश सरकार ने पहले ही भवनों का मुआवजा बांटना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों व एजेंसियों ने जो रिपोर्ट दी थी उनकी एक रिपोर्ट बनाकर एनडीएमए ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी है। पीएमओ उस पर फाइनल मुहर लगाएगा। इसी के साथ ही राहत पैकेज का प्रस्ताव पर भी पीएमओ ही अंतिम फैसला लेगा। उम्मीद है कि पीएमओ राज्य के पक्ष में फैसला लेगा।
उधर बता दें कि आज से दिल्ली में नेशनल प्लेटफार्म फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (एनपीडीआरआर) सम्मेलन शुरु हो रहा है।  सम्मेलन में एक सत्र भूस्खलन जैसी आपदाओं के लिए दीर्घकालिक शमन उपायों का विश्लेषण पर होगा अन्य राज्य भी ऐसी समस्याओं से निपटने में अपने अनुभव साझा करेंगे।

इस सम्मेलन में प्रधान मंत्री द्वारा घोषित 10 सूत्री एजेंडे के साथ ही तुर्की में आए भयावह भूकंप के बाद देश में आपदा की स्थिति में नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की भूमिका,  जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर तेजी से बदलते आपदा जोखिम परिदृश्य के बीच, विशेष रूप से स्थानीय क्षमताओं के निर्माण के लिए  गृह मंत्री अमित शाह राज्य सरकार के मंत्रियों के साथ एक सत्र की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेवन में विशेषज्ञ व कई हितधारक आपदा प्रबंधन पर चर्चा करेंगे। असल में जलवायु परिवर्तन के कारण, आपदाओं के कई नए रूप देखे जा रहे हैं। उन जगहों पर सूखा और बाढ़ देखे जा रहे हैं जहां वे कभी नहीं हुआ करते थे। आकाशीय बिजली गिरने के मामले भी बढ़े हैं।

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