केन्द्रीय गृह मंत्री शाह से मिले सीएम धामी

जोशीमठ भू-धंसाव मामले में दी जानकारी
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर गृहमंत्री अमित शाह को फीडबैक दिया। इसके अलावा राज्य सरकार के विकास कार्यों और मंत्रियों के कामकाज को लेकर दोनों नेताओं के बीच भी चर्चा हुई। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में सीएम धामी ने कहा कि मैंने जोशीमठ की मौजूदा स्थिति के बारे में गृहमंत्री अमित शाह को जानकारी दी है। राज्य सरकार बचाव और राहत अभियान के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
जोशीमठ की स्थिति को लेकर उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिपोर्ट सौंप दी है। बता दें कि जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थिति जानने के लिए बीजेपी की 14 सदस्यीय टीम मौके पर गई थी। इस दौरान टीम ने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और नुकसान का जायजा लिया था और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया था, जिसे जेपी नड्ड का सौंप दिया गया है। सीएम धामी ने कहा कि हम जोशीमठ में स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। हम केंद्र सरकार से सभी आवश्यक सहयोग प्राप्त कर रहे हैं। पीएम मोदी नियमित रूप से मामले की समीक्षा कर रहे हैं और जल्द ही हमारे पास रिपोर्ट होगी और वहां के निवासियों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। सीएम ने आगे कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है। यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है। सभी को आगे आना चाहिए और इसका समाधान खोजने में मदद करनी चाहिए। सीएम धामी ने कहा कि चार महीने बाद चारधाम यात्रा शुरू होगी। इसलिए उत्तराखंड के हालात को लेकर झूठी अफवाह फैलाना ठीक नहीं है। लोग दूर से स्थिति के बारे में धारणा न बनाएं। बता दें कि, जोशीमठ भूधंसाव के बाद अब चारधाम यात्रा पर भी सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह कि क्या बदरीनाथ के प्रवेश द्वार जोशीमठ पर गहराए संकट के बीच यात्रा पर संकट गहरा सकता है? बदरीनाथ जाने के लिए जोशीमठ को एंट्री गेट माना जाता है। यहां जाने का एक मात्र रास्ता इस तरफ से है। बदरीनाथ के तीर्थ यात्रियों का एक अहम पड़ाव जोशीमठ में होता था। लेकिन अब जोशीमठ डेंजर जोन में है।

जोशीमठ के विस्थापितों के लिए जगह चयनित
बता दें कि जोशीमठ में हर बीतते दिन के साथ घरों में दरारें पड़ने की संख्या बढ़ रही है। बुधवार को यह आंकड़ा 900 के करीब पहुंच गया है। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) की एक विशेषज्ञ टीम ने जोशीमठ के विस्थापितों के लिए चार स्थान चुने है। टीम को जोशीमठ के प्रभावित निवासियों के पुनर्वास के लिए संभावित क्षेत्रों का अध्ययन करने का काम सौंपा गया है। टीम ने आसपास के चार स्थानों- कोटी फार्म, पीपलकोटी, जड़ी बूटी अनुसंधान और विकास संस्थान (एचआरडीआई) की जमीन और ढाक गांव को मंजूरी दे दी है। दो अन्य स्थानों- गौचर शहर और सेलंग गांव के लिए सर्वे अभी जारी है।

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