राखी चौहान और अंजलि गोस्वामी ने प्राप्त की सफलता
अगस्त्यमुनि। पहाड़ की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रही है। सेना भी इससे अछूती नहीं है। कहते हैं कि प्रतिभा किसी परिस्थिति का मोहताज नहीं होती है।
इस बात को सच साबित किया है रुद्रप्रयाग के केदारघाटी की दो बेटियों ने। जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों से लड़कर मिलिट्री नसिर्ंग सर्विसेज के द्वारा भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर चयनित होकर न केवल अपने क्षेत्र का, बल्कि पूरे जनपद का नाम रोशन किया है। जिसमें एक है गुप्तकाशी के देवर गांव की रहने वाली राखी चौहान एवं दूसरी है अगस्त्यमुनि के नजदीक हाट गांव की अंजलि गोस्वामी।
देवर गांव की राखी चौहान ने सेना के मेडिकल विंग में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत लेफ्टिनेंट बनी है। उन्हें ऑल इंडिया मेडिकल विंग में 52 वीं रैंक हासिल की है। उनके पिता दिलीप सिंह होटल में नौकरी करते हैं। बेटी के चयन पर पिता के आंखों में खुशी के आंसू आ गए।
उनका कहना है कि उनकी बेटी बचपन से बहुत शांत स्वभाव की थी। बचपन की पढ़ाई गुप्तकाशी में हुई, इसके बाद मानव भारती स्कूल देहरादून में पढ़ाई की और सुभारती मेडिकल कॉलेज से नसिर्ंग का कोर्स किया। सेना में नौकरी करने की तैयारी की और पहले ही प्रयास में ही सफलता हासिल की।
राखी चौहान का कहना है कि वह हमेशा से सेवा भाव के क्षेत्र में काम करना चाहती थी और उनके माता-पिता के साथ उनके गुरु और शुभचिंतकों की कृपा से उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया है। उनका कहना है कि मुसीबत से घबराना नहीं है, बल्कि लक्ष्य निर्धारित कर उसकी दिशा में हमेशा आगे बढ़कर ही सफलता हासिल की जा सकती है।
वहीं अगस्त्यमुनि विकासखंड के हाट गाँव अंजली ने भी मिलिट्री नसिर्ंग सर्विसेज परीक्षा में 328 वीं रैंक हासिल कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद प्राप्त किया है। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र के पुणो स्थित सेना अस्पताल में लेफ्टिनेंट के पद पर ज्वाइन किया है। हाट से रोजाना दो किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाती अंजलि ने ठान लिया था कि एक दिन जरूर वो मुकाम हासिल करूँगी, जिससे माता-पिता का सर गर्व से ऊँचा हो जाए। अगस्त्य पब्लिक स्कूल गंगानगर अगस्त्यमुनि से पढ़ी अंजलि ने इंटरमीडिएट करने के बाद अरिहंत कॉलेज आफ नसिर्ंग कनखल हरिद्वार से बीएससी नसिर्ंग का कोर्स किया।
वर्ष 2024 में आयोजित राष्ट्रीय मिलिट्री नसिर्ंग सर्विसेज परीक्षा, तीस हजार परीक्षार्थियों में 328 वीं रैंक हासिल कर परीक्षा उत्तीर्ण की। अंजलि के पिता मुरारी दत्त गोस्वामी गाँव में इलेक्ट्रिशियन कार्य करते हैं और माता अनीता देवी जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका है। इनकी बड़ी बहन दीक्षा गोस्वामी ने फार्मसिस्ट किया है और छोटा भाई अभी पढ़ाई कर रहा है।
शिक्षक अखिलेश गोस्वामी कहते है कि अंजलि बचपन से ही मेधावी प्रतिभा की धनी है अपने इस लक्ष्य के लिए उसने कड़ी मेहनत की है। आज वो भारतीय सेना की मेडिकल विंग्स का हिस्सा बनकर अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रेत बन गई है।
अंजलि की सफलता पर अगस्त्य पब्लिक इंटर कॉलेज के संस्थापक महावीर रमोला बताते है कि अंजलि की सफलता सभी को गौरवान्वित कर रही है, स्कूलिंग के दौरान अंजलि का ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा अव्वल रहा। अंजलि ने देशभर में आयोजित एमएनएस परीक्षा में सफल होकर आसमान छुआ है।