मसूरी का ऐतिहासिक होटल जलकर स्वाहा

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होटल द पवेलियन रिंक  में रविवार तड़के लगी आग, दो वाहन जले, आठ मकानों को भी क्षति
फायर ब्रिगेड की टीम ने पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू
शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की आशंका

मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी के गौरवमयी इतिहास का साक्षी एशिया का सबसे बड़ा होटल द पवेलियन रिंक रविवार प्रात: लगी भयावह आग से स्वाहा हो गया। फायर सर्विस, आईटीबीपी, पुलिस बल और स्थानीय लोगों के पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन तब तक सब कुछ जल कर राख हो गया। आग की चपेट में आने से रोड पर खड़े दो वाहन वह भी जल गये, वहीं होटल से लगे करीब आठ मकानों को भी क्षति हुई है।

जानकारी के अनुसार स्थानीय लोगों को तड़के करीब साढ़े तीन के बीच लगी आग का जब तक पता चलता, तब तक आग भयावह हो चुकी थी। जिस पर होटल के प्रबंधक को जानकारी दी गई। जिसके बाद उन्होंने तत्काल फायर सर्विस और पुलिस को फोन किया, जिस पर फायर सर्विस के जवान व अधिकारी मौके पर पहुंचे लेकिन मार्ग के दोनों ओर वाहनों के खड़े होने से मौके पर पहुंचने में आधे घंटे से अधिक समय लग गया। आग की भयावहता को देखते हुए देहरादून से भी फायर की दो गाड़ियां मंगवाई गई। वहीं आईटीबीपी से भी जवान दो वाहनों को लेकर आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे, लेकिन आग इतनी भयावह थी, कि उसे बुझाने में पांच घंटे से अधिक का समय लग गया। लेकिन तब तक सब कुछ जलकर राख हो गया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। इन दिनों होटल में रेनुएशन का कार्य चल रहा था जिस कारण होटल बंद था वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

होटल के प्रबंधक सुभाष कवि ने बताया कि प्रात: पांच बजे उन्हें आग लगने की सूचना मिली। उन्होंने फायर ब्रिगेड को फोन किया। होटल में मरम्मत का कार्य चल रहा था, जिसमें रिंक का कार्य चल रहा था, पूरा रिंक लकड़ी का था। जिस कारण आग ने तेजी पकड़ी और होटल के छह कमरे भी जल गये व पूरा रिंक भरभरा कर गिर गया। उन्होंने बताया कि होटल के स्वामी उदय प्रताप सिंह के पुत्र अनिरूद्ध होटल में ही थे जो आग से घिर गये थे, उन्हें बड़ी मुश्किल से टायलेट का शीशा तोड़ कर बाहर निकाला गया। वहीं चार कर्मचारी भी थे वह भी बाहर आ गये थे।

मौके पर मौजूद फायर अधिकारी धीरज सिंह तड़ियाल ने बताया कि उन्हें पांच बजे फोन आया। पहले छोटी गाड़ी भेजी गई, आग भयानक लगी होने पर दो बड़े वाहन भी मौके पर बुलाये गये। आग काबू नहीं होने पर दो बड़े फायर टेंडर देहरादून से बुलाये गये। वहीं आईटीबीपी से भी दो पानी के टैंकर और जवानों का दल बुलाया गया। स्थानीय लोगों ने भी मदद की, जिस पर करीब पांच घंटे बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग लगने का कारण प्रथम दृष्टया शार्ट सर्किट होना माना जा रहा है, बाकी जांच के बाद ही पता लग पायेगा।

एसडीएम नंदन कुमार ने बताया कि होटल में मरम्मत का कार्य चल रहा था, उसमें आग लग गई और पूरा होटल जल गया व आस पास के भवनों को भी नुकसान हुआ है। पूरा निरीक्षण किया गया, इससे और नुकसान न हो उसका प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन का प्रयास है कि सबसे पहले आस पास के मकानों में बिजली की व्यवस्था सुचारू की जाय और सीवर लाइन को ठीक किया जायेगा ताकि लोगों को परेशानी न हो।

मौके पर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, नायब तहसीलदार राजेंद्र सिंह रावत, मोहन पेटवाल, नायब तहसीलदार राजेद्र सिंह रावत, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल सहित पुलिस बल के जवान भी मौजूद थे।

होटल से सटे आवासीय परिसरों को भी क्षति
होटल से सटे आवासीय परिसरों में भी आग से करीब आठ लोगों के मकानों को भी नुकसान हुआ है । मकानों के शीशे टूट गये, बिजली की लाइने, मीटर आदि जल गये और सीवर लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई। आवासीय परिसर में रहने वाले प्रत्यक्षदर्शी मधुकर गुनसोला ने बताया कि इस आग लगने से सभी दशहत में हैं। आग की लपटें इतनी अधिक थी कि उनके आवासों में भी आग लग गई। अगर फायर सर्विस कर्मी नहीं आते तो उनके मकान भी जल जाते।

आजादी से साठ साल पहले बना था द रिंग
इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने बताया कि यह मसूरी का गौरव था जब से होश संभाला तब से इसे देख रहे हैं। द रिंक आजादी से  साठ साल पहले बना और आजादी के बाद से यह रिंक चल रहा था। यह एशिया का सबसे बड़ा रिंक था जब सिनेमा नहीं थे तब से यह मनोरंजन का कार्य कर रहा था। इसमें सिनेमा हाल भी था।  130 साल से अधिक का इतिहास समाप्त हो गया। इस रिंक में जहां गामा, किंगकांग की कुश्तियां होती थी, सेक्सपियर के नाटक होते थे और शरदोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते थे। इस रिंक से स्केटिंग में राष्ट्रीय चैंपियनशिप होती थी, रोलर हॉकी होती थी।

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