मसूरी। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण पर भ्रष्टाचार और मसूरी को कंक्रीट के जंगल में तब्दील करने के गंभीर आरोप लगे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल ने सूचना के अधिकार के जरिए इसका खुलासा किया है। साथ ही आरोप लगाया कि एमडीडीएम अवैध निर्माण को भी शह दे रहा है। उन्होंने एमडीडीए कार्यालय के बाहर धरना प्रर्दशन करने की बात कही है।
मसूरी में पत्रकारों से वार्ता करते हुए राकेश अग्रवाल ने बताया कि एमडीडीए के अधिकारी निर्माण को लेकर एक बड़े घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। अधिकारी पहाड़ों की रानी मसूरी को कंक्रीट के जंगल में तब्दील कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार से खुलासा हुआ है कि मसूरी हैक्मंस होटल निर्माण को लेकर एमडीडीए की ओर से थर्ड पार्टी ऑप्शन लगाकर सूचना नहीं दी गई। तब उनकी ओर से राज्य सूचना आयोग में शिकायत की गई. जिसके बाद राज्य सूचना आयोग ने एमडीडीए के अधिकारियों को हैक्मंस होटल में हो रहे निर्माण को लेकर तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि हैक्मंस कंपाउंड में जो आवासीय क्षेत्र था, उसे एमडीडीए के अधिकारियों ने कमर्शियल बिल्डिंग दिखाकर करीब 80 कमरों के निर्माण को अनुमति दी है। राकेश अग्रवाल ने कहा कि हैक्मंस कंपाउंड की सेल डीड में इस होटल के अलावा कोई भी कमर्शियल बिल्डिंग के अलावा आवासीय निर्माण था। जिसे प्रमाणित करने के लिए उनके पास उस समय के बिजली, पानी आदि के बिल मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि साल 2010-11 में कंपाउंड के आवासीय भवनों को खाली कराया गया। हैक्मंस कंपाउंड के आवासीय भवन पॉइस कॉटेज और आउट हाउसेस को कमर्शियल दिखाकर 80 कमरों का नक्शा पास कराया गया है। जिसमें होटल के ब्लॉक ए, बी, सी, डी दर्शाए गए हैं। एक ही व्यक्ति के नाम पर नक्शे पास कर दिए गए हैं। जबकि मसूरी में किसी भी प्रकार का कमर्शियल बिल्डिंग पर प्रतिबंधित है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एमडीडीए के बायलॉज के मुताबिक, यह संभव ही नहीं है कि उन्होंने बताया कि भगवान दास खन्ना इंटरप्राइजेज की ओर से साल 2013-14 में होटल को तोड़कर बनाने के लिए कुछ एनओसी संबंधित विभागों से लेकर एमडीडीए से निर्माण की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन एमडीडीए ने निर्माण को लेकर आपत्ति दर्ज की थी। जिसपर एमडीडीए की ओर से कहा गया था कि अगर होटल तोड़ते हैं तो सड़क से 3 मीटर नीचे होटल का नाम निर्माण किया जाएगा, जिस वजह से नक्शे रिजेक्ट कर दिए गया था।
राकेश अग्रवाल ने कहा कि एमडीडीए के वर्तमान अधिकारी जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उनकी ओर से साल 2020-21 में दोबारा से पुरानी एलओसी के आधार पर सभी निमयों को ताख पर रखकर 80 कमरों का कमर्शियल नक्शा पास कर दिया गया, जो नियम विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि इस पूरे भ्रष्टाचार में नगरपालिका और वन विभाग के अधिकारी भी शामिल है। जिनकी ओर से हैक्मंस कंपाउंड के आउट हाउस और पॉइस कॉटेज की पीलिंन्थ को बढ़ाकर दिखाया गया है। जबकि, जो पीलिंन्थ 2013-14 में दिखाई गई थी, उसे बदल दी गई है। जिससे नक्शा पास करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पूर्व में बना हैक्मंस होटल जिसमें 24 कमरें संचालित किए जा रहे हैं।उसे तोड़ कर बनाए जाने की बात एमडीडीए विभाग के अधिकारी कह रहे हैं। जबकि निर्माण हैक्मंस कंपाउंड के पॉइस कॉटेज और आउट हाउस को तोड़कर नियमों को ताख पर रखकर निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मसूरी में एमडीडीए के अधिकारियों की ओर से निर्माण को लेकर किए जा रहे भ्रष्टचार और हो रहे अवैध निर्माण की शिकायत शासन स्तर व गढ़वाल आयुक्त से की गई है, लेकिन कोई भी मसूरी में हो रहे अवैध निर्माण और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर शासन और गढ़वाल आयुक्त की ओर से मसूरी हैक्मंस कंपाउंड में हो रहे अवैध निर्माण व भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं की जाती तो वो मसूरी एमडीडीए कार्यालय पर धरना प्रर्दशन करेंगे।