श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर आयोजित नाटक को दर्शकों ने मुक्तकंठ से सराहा
देहरादून। श्री सनातन धर्म सभा, गीता भवन के सौजन्य से शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के मौके पर राजा रोड़ स्थित गीता भवन के सभागार में मेघदूत नाट्य संस्था ने रुक्मिणी मंगल नाटक की भव्य प्रस्तुति दी।
मेघदूत के संस्थापक और रंगमंच के पुरोधा एस.पी. ममगाईं द्वारा लिखित और निर्देशित रूक्मणी मंगल नाटक मूलतः रुक्मिणी और श्रीकृष्ण के विवाह, श्री बदरीनाथ धाम में घंटाकर्ण की तपस्या तथा प्रद्युम्न जन्म की रोचक कथा पर आधारित था। इसमें स्वयं भगवान कृष्ण रुक्मिणी के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचकर घंटाकर्ण को क्षेत्रपाल नियुक्त करते हैं।
श्रीमद्भागवत पुराण, शिव पुराण, हरिवंश पुराण, स्कंद पुराण, कथावाचक राधेश्याम जी के खंडकाव्य रुक्मिणी मंगल, रामचरित मानस तथा गर्ग संहिता के प्रसंगों से ली गई विषयवस्तु पर आधारित नाटक ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा। पौराणिक प्रसंगों पर नाटक मंचन की निर्देशक और लेखक एस.पी. ममगाईं को महारत हासिल है। इससे पूर्व भी वे दर्जनों कथानकों पर देहरादून और देहरादून से बाहर सफल मंचन कर चुके हैं। गीता भवन में ही श्रीकृष्णवतार, ऊषा अनिरुद्ध विवाह तथा कतिपय अन्य कथानकों पर नाटक मंचित कर चुके हैं।
इस मौके पर प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी, राजपुर रोड के विधायक खजान दास, कैंट विधायक श्रीमती सविता कपूर तथा अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष राकेश ओबेरॉय, महामंत्री विपिन नागलिया और गुलशन खुराना ने अतिथियों का स्वागत किया।
देर रात तक चले “रुक्मिणी मंगल” नाटक में भगवान शिव की भूमिका विजय डबराल ने निभाई जबकि पार्वती का अभिनय जाह्नवी पांडे ने किया। श्रीकृष्ण की भूमिका अनिल दत्त शर्मा और रुक्मिणी की भूमिका मिताली पुनेठा ने अदा की। ब्राह्मण की भूमिका में उत्तम बंदूनी, घंटाकर्ण नंदकिशोर त्रिपाठी और घंटा के भाई की भूमिका में गिरीविजय ढौंढियाल थे।
सुलेखा की भूमिका अर्चना भंडारी ने अदा की। अक्षित जोशी, ऋषि अंगिरा की भूमिका गोविंद थपलियाल और वसंत की भूमिका मनीष गुसाईं ने निभाई। सारंग की भूमिका में राजेश भारद्वाज, भूमा पूनम राणा, मंगला रश्मि जैना, सात्यकि हर्ष पांडे, वशिष्ठ प्रदीप शर्मा, कामदेव पूनम राणा, कृतवर्मा मनीष गुसाईं के अतिरिक्त डांडिया नृत्य में सपना गुलाटी, पूनम राणा, रश्मि जैना, इंदु रावत, अर्चना भंडारी, जाह्नवी पांडे, मोनिका, प्रियंका राणा, कशिश और ममता ने समा बांध दिया। नाटक का संगीत आलोक मलासी ने तैयार किया था जबकि संगीत संयोजन मोहित कुमार का रहा।
अमिता मोहित, मोनिका ढौंढियाल, अभिषेक मेंदोला, सपना गुलाटी, प्रदीप शर्मा और ममता ने वस्त्र और रूप सज्जा में योगदान दिया। सिद्धार्थ डंगवाल ने रूपांतरित घंटाकर्ण का अभिनय किया। प्रेम कुमार, रवींद्र गोस्वामी, हर्ष पांडे ने भी शानदार अभिनय किया। देर रात तक चली इस प्रस्तुति में दर्शक अंत तक बैठे रहे।