श्रीनगर। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत श्रीनगर के स्वीत गांव में चल रहे टनल निर्माण कार्य में कार्यरत मजदूर की मौत के बाद अन्य मजदूरों ने निर्माण कार्य बाधित किया। मजदूरों ने परिजनों को मुआवजे की मांग को लेकर शव के साथ कार्यदाई संस्था के कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। देर रात तक चली बहस के बाद कंपनी ने 10 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों का देने का फैसला किया। जिसके बाद आक्रोशित मजूदरों ने अपना धरना खत्म किया।
दरअसल, सुरंग निर्माण कार्य में वाहन चालक वीर सिंह की तबीयत खराब होने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद रेलवे परियोजना की कार्यदाई संस्था आनन-फानन में शव को अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट ले आई। जब इसकी सूचना स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होनें पुलिस को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद शव को घाट से वापस लाकर पोस्टमॉर्टम करवाया गया। कंपनी में कार्यरत मजूदरों की मांग थी कि मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाये। जिस पर कंपनी के अधिकारियों के साथ सहमति न बनने पर उन्होनें शव के साथ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। मौके पर किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिये पुलिस बल को भी तैनात किया गया। देर रात तक चली बहस के बाद कंपनी ने 10 लाख का मुआवजा मृतक के परिजनों का देने का फैसला किया। जिसके बाद आक्रोशित मजदूरों ने अपना धरना खत्म किया। वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी बिना चिता बनाए दो लकड़ियों और टायरों पर अंतिम संस्कार कर रही थी, जो सनातन धर्म के खिलाफ है. उन्होंने इस मामले में प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।