निजी वन व बागीचे के पेड़ काटने पर फिर जेल

देहरादून। अब अपनी जमीन या बाग में बिना इजाजत पेड़ काटने पर फिर से जेल होगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि जल्द ही प्रदेश कैबिनेट में इस बाबत प्रस्ताव आएगा। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में हुई कैबिनेट में पेड़ काटने के अपराध को जेल की सजा से मुक्त करने के नियम को मंजूरी दी गई थी लेकिन इसके चलते भू व वन माफियाओं के इसके दुरुपयोग की आशंका बढ़ गई थी। इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ट्री प्रोटेक्शन एक्ट के इस नियम में संशोधन करेगी और निजी वन एवं फलों के बगीचा को इससे बाहर करेगी।

बुधवार को भाजपा मुख्यालय में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पहले 25 प्रजाति के वृक्षों को छोड़ कर सभी वृक्षों को काटने पर प्रतिबंध था, लेकिन प्रदेश सरकार इसकी व्यवहारिक दिक्कतों को समझते हुए मात्र 21 वृक्षों को छोड़ कर सभी वृक्षों को काटने की अनुमति देने जा रही है, जिसमे चीड़ का पेड़ भी होगा ।

वन मंत्री ने बताया कि बताया कि विगत वषोर्ं के मुकाबले प्रदेश में वनागि की घटनाएं एक चौथाई रह गयी है। इसमें ज्यादा वनाग्नि वाले इलाकों में ग्राम स्तर पर ग्राम प्रधान, महिला मंगल दल, युवक मंगल के अध्यक्ष, राजस्व एवं वन विभाग के कर्मचारियों की वन प्रबंधन समितियों की अहम भूमिका है।

सामूहिक प्रयास से 2021-22 में जंगल में आग की घटनाओं में 50 फीसदी की कमी हुई है। और इस साल वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं में 20 फीसदी तक कमी आई है। इन कमेटियों के संचालन के लिए प्रति कमेटी 40 हजार रुपये की राशि दी जा रही है। अच्छा काम करने वाली कमेटियों को एक लाख की धनराशि से पुरस्कृत किया जा रहा है । इनके बेहतर संचालन के लिए वनों से अतिरिक्त माध्यमों से होने वाली आय का मात्र 10 फीसदी हिस्सा ही सरकार लेगी, बाकी सभी राशि वनों के प्रबंधन एवं गांव की आजीविका बढ़ाने में खर्च होंगे।

मानव वन्यजीव संघषोर्ं में जनहानि भी 61 फीसद कमी सुबोध उनियाल ने बताया मानव वन्यजीव संघर्ष में जनहानि में 61 फीसदी व और घायलों की संख्या में 40 फीसदी तक की कमी आई है। विभाग ने वन्यजीव को आदमखोर चिन्हित करने की कार्यवाही को गति दी है जिससे जनहानि की घटनाओं में कमी आए। वन विभाग ग्राम स्तर पर इको डेवलपमेंट कमेटी बनाएगा है जो अपने आस पास के जंगलों में हर्बल खेती, लीसा उत्पादन, टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित कर और अन्य माध्यमों से आय बनाकर गाँव के विकास एवं अपनी आजीविका पर खर्च कर सकती है। इससे भारी मात्रा में रोजगार सृजन होगा।

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