देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुए पेपरलीक प्रकरण की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सीबीआई ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए अब तक मामले की जांच कर रही एसआइटी से सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। इस मामले में सीबीआई ने भी प्रोफेसर सुमन, खालिद, साबिया, हिना और एक अज्ञात को नामजद किया है।
उत्तराखंड में 21 सितंबर को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपरलीक का प्रकरण सामने आया था। इस घटना पर प्रदेश सरकार के निर्देशों पर एसआइटी का गठन कर जांच शुरू की गई थी। साथ ही सरकार ने इसके लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एकल सदस्य आयोग का गठन किया।
युवाओं के विरोध को देखते हुए सरकार ने 29 सितंबर को इस प्रकरण की सीबीआई जांच की घोषणा की थी। इसके बाद 11 अक्टूबर को परीक्षा रद कर दी गई। इस बीच, एकल सदस्य आयोग व एसआइटी ने हरिद्वार व देहरादून समेत अन्य जिलों में सुनवाई करने के साथ ही मामले कर जांच की। एसआइटी ने इस अवधि में 78 व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं।
अब केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग राज्य सरकार की संस्तुति के अनुसार सीबीआई जांच को मंजूरी दे चुका है। इसके बाद सीबीआई ने प्रकरण में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसकी जांच का दायरा पूरा प्रदेश रहेगा।
सीबीआई ने अपर पुलिस अधीक्षक राजीव चंदोला को प्रकरण की जांच सौंपी हैं। मंगलवार को सीबीआई ने एसआइटी से अब तक की गई जांच के सभी दस्तावेज अपने कब्जे में लिए हैं। सीबीआई इस पर आगे अपनी जांच शुरू करेगी।
एसआइटी का नेतृत्व कर रही एसपी जया बलूनी ने बताया कि सीबीआई को समस्त दस्तावेज उपलब्ध करा दिए गए हैं।
