प्रभावितों की सहायता और सुरक्षित स्थानों में ले जाना पहली प्राथमिकता : सीएम

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हल्द्वानी में हुए नुकसान का जायजा लिया, अंतरराष्ट्रीय खेल मैदान को बचाने के निर्देश
सड़कों को तत्काल खोलने और ध्वस्त पुलों की जगह वैली पुल लगाने को कहा
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बरसात के मौसम में अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि वारिश से नुकसान का त्वरित आकंलन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा प्रभावितों को हर संभव मदद करने और बंद सड़कों को तत्काल खोलने का कहा गया है। उन्होंने कहा कि ध्वस्त हुए पुलों की जगह पर वैली पुल लगाने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता राहत एवं बचाव पर है। अगर अतिक्रमण से हुए नुकसान को भी देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गौलापार स्टेडियम में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन और समापन किया जाना है। यह राज्य के लिए स्वर्णिम अवसर भी है। इससे यहां की खेल प्रतिभाओं को पहचान के साथ ही एक्सपोजर भी मिलेगा।

मंगलवार को यह दावा सीएम ने हल्द्वानी में आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद मीडिया के सवालों के जवाब में दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले खतरे की जद में आए लोगों को सुरक्षित स्थानों में ले जाने का कहा गया है। इससे पहल सीएम ने गौला नदी से अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में हुए भू कटाव का निरीक्षण करते किया। उन्होंने सिंचाई विभाग को गौला नदी के 500 मीटर भाग में चैनलाइजेशन, वायर क्रेट और सुरक्षात्मक कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए शीघ्र ही धनराशि भी जारी कर दी जाएगी जिससे ससमय तत्कालिक कायरे के माध्यम से स्टेडियम का बचाव किया जा सके। डीएम वंदना सिंह ने बताया कि सिंचाई विभाग द्वारा दीर्घालिक कायरे कि पूर्व में 200 मीटर के भू कटाव से रोकथाम की 260 लाख लागत की डीपीआर शासन को भेजी गई है जो की स्वीकृति के चरण पर है। विभाग द्वारा टेंडर भी कर लिया गया है। किंतु इसी बीच अब लगभग कुल 600 मीटर का भू कटाव हो गया। अतिरिक्त  400 मीटर भाग की डीपीआर शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पूरी जानकारी हासिल करने बाद सीएम ने डीएम से डीपीआर का फलो अप लेने के निर्देश दिए।

सीएम ने ड्रेनेज प्लान, निकासी योजना पर जोर देते हुए कहा कि सभी निर्माणदाई संस्था सुनिश्चित करें कि सुनियोजित विकास के नाम पर हो रहे निर्माण से किसी अन्य भौगोलिक, प्राकृतिक संरचना को कोई खतरा न हो। इसके लिए निकासी योजना को प्राथमिकता देते हुए योजना इंप्लीमेंट की जाए। सीएम ने कहा कि आपदा को रोका नहीं जा सकता किंतु इसके होने वाले प्रभावों को न्यून करना हम सबका दायित्व है। इसके लिए सभी अधिकारी अपने अपने क्षेत्रों में निगरानी बनाएं रखे और निरंतर मॉनिटरिंग करें। किसी भी क्षेत्र से सूचना प्राप्त होते ही तत्काल टीम को भेजकर यथासंभव राहत बचाव कार्य शुरू करे।

सीएम ने कहा कि प्रभावितों को तत्काल राहत सामग्री देने का ढांचा बनाया जाना होगा। आवश्यकता पड़ने पर राहत शिविरों को संचालन हो इसके लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया जाए। हमारा प्रयास रहेगा की यथा शीघ्र आम जन के जीवन को सामान्य किया जाए। निरीक्षण के दौरान एस एसपीपी एन मीणा, जिलाध्यक्ष  प्रताप बिष्ट, मंडी परिषद अध्यक्ष डा. अनिल कपूर, विधायक डा. मोहन सिंह बिष्ट, सिटी मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई, एसडीएम परितोष वर्मा, तहसीलदार सचिन कुमार, ईई  सिंचाई बीसी नैनवाल, पीएमएडीबी कुलदीप सिंह, दायित्वधारीदिनेश आर्य, विकास भगत सहित अन्य मौजूद थे।

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