प्रदेश में पीएम केयर्स का लाभ 44 अनाथ बच्चों को मिलेगा

देहरादून। उत्तराखंड  में 44 ऐसे बच्चें हैं जिनको पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन का लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आनलाइन इसकी घोषणा की। पीएम केयर्स में उन बच्चों को शामिल किया गया है जिनके माता -पिता दोनों की ही कोविड के  दौरान मृत्यु हो गयी है। इस तरह के बच्चों को इसमें शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी बच्चों को खुद से हस्ताक्षर करके व्यक्तिगत रूप से एक मार्मिक पत्र लिखते हुए सभी को अपना अभिभावक माना है।
44 बच्चों में 7 बच्चे अल्मोड़ा, चमोली-1, देहरादून-8, हरिद्वार-10, नैनीताल-5, पौड़ी गढ़वाल-1,टिहरी गढ़वाल-8 तथा ऊधम सिंह नगर के 4 बच्चों को शामिल किया गया है। इन सभी के माता -पिता की मौत कोविड के दौरान हो गयी है।  वैसे कोविड-19 के दौरान पूरे प्रदेश में कुल 4057 बच्चों के माता या फिर पिता में से किसी एक की मौत हुई है। खास बात यह है कि 44 ऐसे बच्चें हैं जिनके माता और पिता दोनों की मौत हो चुकी है। 44 बच्चों के अलावा  शेष 4057 बच्चों को भी प्रदेश सरकार अपने स्तर पर आर्थिक मदद पहुंचा रही है। इन बच्चों के माता या फिर पिता में से किसी एक की मौत हुई है। सोमवार को 44 बच्चों को पीएम केयर्स के तहत 10 लाख की धन राशि पोस्ट आफिस में जमा कराकर पास बुक बच्चों को सौंप दी गयी है। इसमें उन बच्चों को शामिल किया गया है जिनकी  उम्र 18 साल तक है। उसके बाद इस धनराशि से 5500 रुपए व्याज आएंगे जो 18 साल की उम्र  के बाद बच्चों को दिया जाएगा। व्याज की धनराशि हर माह 23 साल तक की उम्र तक बच्चों को दिया जाएगा। 23 साल पूरा हो जाने पर 10 लाख मूल धन भी बच्चों को सौंप दिया जाएगा। इसके अलावा 1 से 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों के एकाउंट में 20-20 लाख रुपए सलाना जमा किए जाएंगे।
इसके अलावा 1 से 18 साल तक के बच्चों को हर माह 4 हजार की धनराशि दी जाएगी। इन बच्चों को अटल आयुष्मान कार्ड भी सौंपा गया जिसके तहत 5 लाख रुपए इलाज पर खर्च की सुविधा है। यहां बताते चलें कि राज्य सरकार की ओर से बच्चों को हर माह 3 हजार की धनराशि दी जाती है। 50-50 हजार की धनराशि पहले ही दी जा चुकी है। बच्चों को सैनिक स्कूल एवं अन्य केंद्रीय स्कूलों में नि: शुल्क पढ़ने की व्यवस्था भी है। इस क्रम में सोमवार को मुख्य सचिव के अलावा अन्य सचिवों को भी प्रधानमंत्री ने इस आनलाइन इसकी जनकारी भी दी।
प्रदेश सरकार इन सभी को धनराशि उपलब्ध करा रही है। इन बच्चों को किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं हो। इसके लिए  राज्य सरकार विशेष रूप से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास अपने स्तर पर मानीटरिंग भी कर रहा है। हर जनपदों में डीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। बच्चों के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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