तीन सप्ताह में मांगी प्रदेशभर की विस्तृत रिपोर्ट
किसी भी तरह हादसे के लिए अधिशासी अभियंता होंगे जिम्मेदार
देहरादून। गुजरात के मौरबी में पुल टूटने से बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने के बाद उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग की भी आंख खुली है। सरकार ने राज्य के पुलों की सेफ्टि आडिट कराने का निर्णय लिया है, ताकि समय रहते पुलों की मरम्मत की जाए या किसी तरह खतरा होने पर पुलों पर आवाजाही रोकी जा सके।
प्रमुख सचिव, लोक निर्माण आरके सुधांशु ने इस संबंध में आदेश जारी किये हैं। उन्होंने इस संबंध में लोक निर्माण विभाग को आदेश दिया है कि प्रदेश में सभी सेतुओं का सेफ्टी आडिट किया जाए। उल्लेखनीय है कि गुजरात के मौरबी में झूला पुल टूटने के बाद हुए हादसे को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लोक निर्माण विभाग को इसके लिए निर्देशित कर चुके थे। शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में सेतुओं का उचित अनुरक्षण न होने, मानकानुसार प्रियोजिडकली सेफ्टि आडिट की निर्धारित समय में व्यवस्था न होने, भार क्षमता से अधिक यातायात संचालन होने, सेतुओं के समीप साईनेजेज न होने तथा सेतुओं की अत्यधिक समयावधि (निर्माण की) होने से देश एवं प्रदेश के कई महत्वपूर्ण सेतु दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। जिसमें जान-माल के नुकसान के साथ-साथ आवागमन बाधित हो रहा है।
उन्होंने प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिये हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस सम्बन्ध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये प्रदेश में अवस्थित सेतुओं से सम्बन्धित अद्यतन सूचना प्रत्येक दशा में 03 सप्ताह के अन्दर शासन में उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि सेतुओं के सम्बन्ध में लोक निर्माण विभाग के जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा सम्बन्धित जनपद के जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर ऐसे सेतु जिनको निर्मित हुये कई वर्ष हो चुके हैं, उनमें भार क्षमता के आधार पर आवागमन सुनिश्चित किया जाय। प्रत्येक सेतु का सेफ्टि आडिट करते हुये आवश्यकतानुसार अनुरक्षण आदि का प्रस्ताव तत्काल शासन को उपलब्ध कराया जाय। यही नहीं सेतुओं के समीप साईनेजेज की उचित व्यवस्था की जाय किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे।