देहरादून। पुलिस ने पर्स लूट में एमबीए पास युवक को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से लूट का मोबाइल बरामद कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
आज यहां इसकी जानकारी देते हुए डीआईजी/एसएसपी दलीप सिंह कुवर ने बताया कि तीन जुलाई को थाना डालनवाला पर रजनी जोशी पत्नी अभय जोशी निवासी जागृति एन्क्लेव, सहस्त्रधारा रोड, जनपद देहरादून द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया कि स्कूटी पर सवार एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसको धक्का देकर उसका पर्स, जिसमें 40,000 नगद, मोबाइल फोन, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड एसबीआई, पीएनबी, ऑफिस आईडी कार्ड, घर की चाबी, हेल्थ कार्ड व डीएल छीन लिया है।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। प्रभारी निरीक्षक डालनवाला द्वारा थाना स्तर पर टीम गठित की गयी। गठित टीम द्वारा घटनास्थल के आस पास के सीसीटीवी कैमरों व संकलित साक्ष्यों का निरीक्षण किया गया। सीसीटीवी फुटेजो के अवलोकन से पुलिस को संदिग्ध व्यक्ति के हुलिये के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। जानकारी करने पर एक नाम प्रकाश में आया, जिसकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस द्वारा सभी संभावित स्थानों पर दबिश दी गई तथा गत रात्रि में पुलिस टीम द्वारा सूचना पर चैकिंग के दौरान दिलाराम से आगे न्यू कैन्ट रोड पर स्कूटी के साथ उक्त संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया।
पकडे गये व्यक्ति से उसका नाम पता पूछा तो उसके द्वारा अपना नाम मयंक आहूजा पुत्र सुभाष चन्द आहूजा निवासी राजेन्द्र नगर, थाना कैन्ट, जनपद देहरादून। उक्त व्यक्ति की तलाशी लेने पर उसके पास से तीन मोबाइल फोन अलगकृअलग कम्पनी के तथा एक पर्स, जिसके अन्दर आरसी, पेनकार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड व 870 रुपये नगद बरामद हुये। सख्ती से पूछताछ करने पर उसके द्वारा राजपुर रोड़ पर एक महिला से पर्स छिनना तथा मोबाइल फोन का उक्त घटना से सम्बन्धित होना बताया गया।
पूछताछ में उसके द्वारा बताया गया कि उसके द्वारा सिक्किम मनीपाल यूनिर्वसिटी से ऑनलाइन एमबीए किया गया है। उसके पिताजी का देहांत वर्ष 2006 में हो गया था वर्तमान में उसके घर में वह और उसकी माता रहती हैं। वर्ष 2021 उसकी शादी हुई थी पर शादी के 04 माह बाद से ही परिवारिक मतभेद के कारण उसकी पत्नी अपने मायके में रह रही है तथा उसपर तलाक का केस कर दिया है। आर्थिक तंगी के चलते उसने पर्स लूट की घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।