देहरादून। 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली वि धरोहर फूलों की घाटी को 1 जून से पर्यटकों के लिए खुलेगी। यूनेस्को के वि धरोहर स्थल, फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है।
फूलों की घाटी जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। पूरी घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है। यहां फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पाईं जाती हैं, जिनमें एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल शामिल हैं। लेकिन यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रrा कमल है, जिसे उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है।
फूलों की घाटी को वर्ष 2005 में यूनेस्को का वि धरोहर स्थल घोषित किया था । घाटी में सत्रह किलोमीटर लंबा ट्रैक है जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित घांघरिया से शुरू होता है और जोशीमठ के पास एक छोटी सी बस्ती गोविंदघाट से ट्रैक के जरिए पहुंचा जा सकता है। फूलों की घाटी में प्रवेश करने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से आफलाइन माध्यम से अनुमति दी जाती है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि फूलों की घाटी जैव विविधता का अनुपम खजाना है। हिमालय की गोद में बसी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए वि विख्यात फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी।