रानीखेत। कैंट बोर्ड से मुक्ति के लिए बेमियादी आंदोलन को सौ दिन पूरे होने पर नागरिकों का हुजूम सड़क पर उतर आया। जुलूस निकाल छावनी के सिविल क्षेत्र को पालिका में मिलाए जाने को आवाज बुलंद की। विभिन्न संगठनों के लोग समर्थन में खुलकर आए। कैंट से आजादी के नारे लगे।
प्रदर्शनकारियों ने दोहराया कि जब तक उन्हें कैंट से आजाद नहीं कर दिया जाता, आंदोलन चलता रहेगा। कहा कि कैंट के जटिल नियम कानूनों से नागरिक अरसे से त्रस्त हैं। क्षेत्र के विकास और जनहित को देखते हुए सिविल क्षेत्र को पालिका में शामिल करना ही एकमात्र विकल्प रह गया है।
रानीखेत विकास संघर्ष समिति के बैनर तले कैंट से मुक्ति को गांधी पार्क में शुरू धरना व आंदोलन को सौ दिन पूरे हो गए हैं। इसी के मद्देनजर शनिवार को समिति के साथ ही व्यापार मंडल, सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनों के लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक मंच पर एकजुट हुए। गांधी पार्क से बड़ी संख्या में शामिल लोगों ने जुलूस निकाल राज्य व केंद्र सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का प्रयास किया।
नारेबाजी के बीच जुलूस सदर बाजार, रोडवेज स्टेशन, मीना बाजार, द्योलीखेत, जरूरी बाजार से गांधी चैक पहुंचा। यहां से सुभाष चैक व केमू स्टेशन से वापस गांधी पार्क में पहुंच जुलूस सभा में बदल गया। धरना स्थल पर वक्ताओं ने एकजुट होकर नगर व जनहित के लिए संघर्ष और तेज करने का संकल्प लिया।
तय हुआ कि आंदोलन की धार बनाए रखने को बीच बीच में जुलू-प्रदर्शन कर सरकारों को जगाने का काम किया जाएगा। जुलूस में मुख्य रूप से वरिष्ठ नागरिक भैरवदत्त पांडे, संस्कृति कर्मी कैलाश पांडे, डीसी साह, मुकेश साह, किरनलाल साह, विमल सती, होटल एसोसिएशन अध्यक्ष हिमांशु उपाध्याय, रामलीला कमेटी अध्यक्ष जयंत रौतेला, सामाजिक कार्यकर्ता खजान जोशी, व्यापार मंडल महासचिव संदीप गोयल, उपाध्यक्ष नेहा साह माहरा, गिरीश भगत, सुकृत साह, दीवान नेगी, यतीश रौतेला, पंकज जोशी आदि मौजूद रहे।