सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

मुख्यमंत्री धामी व केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने श्रमिकों से मुलाकात की
मजदूरों के परिजन भी एंबुलेंस में बैठकर अस्पताल गए
उत्तरकाशी। मंगलवार को पूरे देश के लिए मंगलमयी खबर सामने आई है। रेस्क्यू टीमों के अथक परिश्रम से अपरेशन सिलक्यारा फतह कर लिया गया है। सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिक 17वें दिन सकुशल बाहर आ गए हैं।पिछले 17 दिनों से सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को तमाम बधाओं के बाद आखिरकार मंगलवार सांय को सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया। अब सुरंग के भीतर फंसे मजदूर खुली हवा में सांस ले रहे हैं। श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकालने  के लिए रेस्क्यू कार्य में जुटे देश विदेश के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राज्य और केंद्र सरकार के साथ ही जिला प्रशासन के आलाधिकारियों ने रेस्क्यू आपरेशन के सफल होने पर बेहद खुशी जताई।

एंबुलेंस से सभी श्रमिकों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ भेजा गया। मजदूरों के परिजन भी एंबुलेंस में बैठकर अस्पताल गये। प्रशासन की ओर से मजदूरों के भी परिजनों को पहले ही आई कार्ड जारी किये गये। इस मौके पर प्रो. अनरेल्ड निक्स बाबा बौखनाग मंदिर में  माथा टेक कर मजदूरों के  सकुशल बाहर आने की प्राथना करते हुए देखे गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाहर निकाले गए श्रमिकों से मुलाकात की। उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल ( सेनि) वीके सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की। इस दौरान बाहर निकाले जा रहे श्रमिकों के परिजन भी टनल में मौजूद रहे। श्रमिकों की प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच टनल में बने अस्थाई मेडिकल कैंप में की गई।

आलवेदर परियोजना के तहत यमुनोत्री हाइवे पर सिल्क्यारा से डंडाल गांव बड़कोट तक करीब साढ़े चार किमी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण अंतिम चरण में है। गत 12 नवंबर को दीपावली के दिन टनल के 50 मीटर हिस्से में भू-धंसाव होने से भीतर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गये थे। घटना की सूचना मिलते ही राज्य और केंद्र सरकार ने बाहर एवं बचाव  कार्य शुरू कर मजदूरों तक पंहुचने के लिए देश और विदेश की तकनीकी का इस्तेमाल रेस्क्यू कार्य शुरू किया। रेस्क्यू आपरेशन के दौरान बचाव्र टीम को कई तरह की अड़चनों का सामना करना पड़ा।

रेस्क्यू आपरेशन के दिए तीन अमेरिकन आगर मशीन सेना के विशेष मालवाहक विमान से चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पंहुचा कर सिलक्यारा लायी गई थी। दो आगर मशीन के टूटने तथा तीसरी मशीन का कुछ हिस्से ड्रील करते समय फंसने से ह्यूम पाइप डालने का कार्य ठप हो गया था। बावजूद 6 स्तरों पर श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू कार्य जारी रखा गया। साथ ही आगर मशीन के टूटे हिस्से को निकालने के लिए  हैदराबाद से प्लाज्मा कटर लाया गया। मशीन को फिर से चालू कर ह्यूम पाइप डालने का कार्य शुरु किया गया। सोमवार को दोपहर 2 बजे ह्यूम पाइप के मजदूरों तक पहुंचने पर बचाव एवं राहत कर्मियों में खुशी का ठिकाना नहीं  रहा।

मुख्यमंत्री ने बचाव दल की टीम को दी बधाई
सिलकयारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान में जुटे समस्त बचाव दल को अपनी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा की श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरों की खुशी ही मेरे लिए इगास बग्वाल है।  मुख्यमंत्री  ने कहा कि बचाव दल की तत्परता, टेक्नोलाजी के सहयोग, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक बंधुओं की जीवटता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पल- पल निगरानी और बौखनाग देवता की कृपा से यह अभियान सफल हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *