शिकायतें सही पायी गयी तो कठोर कार्रवाई होगी : रामदास
देहरादून। प्रदेश में चल रहे मदरसों पर धामी सरकार ने टेढ़ी नजर डाल दी है। मदरसों परअपने उद्देश्य से भटकने और वित्तीय अनियमिताओं की शिकायत पर प्रदेश सरकार ने जांच बिठा दी है। समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास ने बताया कि मदरसों में वित्तीय अनियमितता की शिकायतें मिलने के बाद जांच के आदेश दिये गए हैं। उन्होंने कहा है कि शिकायतें सही पायी गयी तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
समाज कल्याण मंत्री को शिकायत मिली थी कि मदरसों में भारी गड़बड़ी हो रही हैं। केंद्र सरकार के वेतन के मद में मिलने वाली राशि को मैनेजरों के हड़पने और कर्मचारियों को कम धन राशि देने के साथ ही मदरसों की मान्यता के मानकों को पूरा नहीं करने की शिकायतें भी समाज कल्याण मंत्री को मिली हैं। इस मामले में समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास से बात की गयी तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने इनकी जांच के आदेश दिये हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास जो शिकायतें आ रही हैं वे गंभीर प्रवृत्ति की हैं और अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों की शिक्षा का केंद्र रहे ये मदरसे अपने उद्देश्य से भटक गये हैं। चंदन राम दास ने बताया कि जांच का उनका उद्देश्य इन संस्थाओं के स्तर को बनाये रखना और उनके द्वारा नियमों का पालन कराना है, ताकि अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों को स्तरीय शिक्षा मिल सके।
उन्होंने बताया कि उन्हें मदरसों को लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही थी। इसमें वित्तीय गड़बड़ी तो प्रमुख रूप से बतायी जा रही है साथ ही इन मदरसों की मान्यता को लेकर भी उदासीनता बरती गयी। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से इनकी मान्यता के प्रकरण निस्तारित नहीं किये जा रहे हैं। बल्कि उसकी जगह पर समकक्ष विभाग लिख कर अज्ञात से मान्यता ली जा रही है, जो पूरी तरह नियम विपरीत है। समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 429 मदरसे चल रहे हैं। जिनमें से 190 को केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाती है। आर्थिक मदद में इन मदरसों के कार्मिकों का वेतन तो मिलता है साथ में शिक्षा के उन्नयन के लिए भी धनराशि दी जाती है, लेकिन शिकायतें आ रही हैं कि मदरसों के मैनेजर मनमानी करते हुए वेतन आदि में भी कटौती कर देते हैं तथा शिक्षा पर धन खर्च भी नहीं करते। उन्होंने कहा कि जांच के बाद यदि शिकायतें सही पायी गयी तो सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी।