देहरादून। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से मंगलवार को जनपद स्तरीय आशा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशा कार्यकत्रियों, आशा फैसिलिटेटर्स व ब्लाक कोआर्डिनेटर को नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने दीप प्रज्जवलित करकार्यक्रम का शुभारंभ किया। आशा कार्यकत्रियों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान को उन्होंने सराहा।इस अवसर पर स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शीघ्र ही राज्य स्तरीय आशा संवाद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी जनपदों से आशाओं को प्रतिभाग हेतु आमंत्रित किया जाएगा और आशाओं को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से आशा वर्करों को निश्चित मानदेय दिए जाने का अनुरोध किया गया है। मंत्री ने राज्य में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने तथा संस्थागत प्रसव में बढ़ोत्तरी के लिए आशाओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि गर्भवती मां व बच्चे की जान बचाने की जिम्मेदारी आशा के कंधे पर है।
प्रसव से संबंधित गंभीर मामलों में आशा नियमित मानीटरिंग करें तथा नजदीकी चिकित्सालय में गर्भवती माताओं को समय रहते जांच के लिए ले जाएं। टीबी मुक्त भारत अभियान, रक्तदान, निशुल्क मोतियाबिंद आपरेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को सफल बनाने में भी आशाओं के योगदान को उन्होंने सराहा है। कहा कि अब ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य चौपाल का आयोजन किया जाएगा जिसमें सीएचओ, एएनएम व चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
मेयर सुनील उनियाल गामा ने कोरोनकाल में आशाओं द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा की। इस अवसर पर विधायक खजानदास, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा. आशुतोष सयाना, डीजी हेल्थ डा. विनिता शाह, सीएमओ डा. संजय जैन, एसीएमओ डा. निधि रावत, डा. वंदना सेमवाल, डा. सीएस रावत, डा. कैलाश गुंज्याल, डा. अजय कुमार, राकेश बिष्ट, अर्चना उनियाल, दिनेश पांडे, पंचम बिष्ट, सुमित नौटियाल, रेखा द्रविड़, पूजन नेगी आदि मौजूद रहे।