कोर्ट ने सुनाई अर्थदंड के साथ ही 3-3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा
टनकपुर। न्यायिक मजिस्ट्रेट टनकपुर नितिन शाह की अदालत ने भारतीय सेना की वर्ष 2014 में बनबसा में हुई भर्ती में फर्जी स्थाई व जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के मामले में अपना निर्णय सुनाया गया। निर्णय के तहत 19 अभियुक्तों को 10-10 हजार रु पये के अर्थ दण्ड के साथ ही 3-3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियुक्त बुलन्दशहर एवं मेरठ के रहने वाले हैं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार 14 नवंबर वर्ष 2014 में आर्मी ग्राउण्ड बनबसा में सैनिक भर्ती का आयोजन किया गया था। जिसमें 16 अभ्यर्थी द्वारा जो स्थाई व जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये गये थे, वे जांच के बाद फर्जी पाये गये थे। जिस पर बनबसा थाने में अभियोग मु.अ.सं. 28/2014 अन्तर्गत धारा 420, 467, 468, 471, भारतीय दण्ड संहिता बनाम राहुल कुमार आदि पंजीकृत कराया गया। इस मामले में विवेचना के बाद आरोप पत्र धारा 120ख, 420, 467, 468, 471, सपठित धारा 34 भारतीय दण्ड संहिता बनाम राहुल कुमार आदि न्यायालय प्रेषित किया गया।
मामले का विचारण न्यायिक मजिस्ट्रेट, टनकपुर की अदालत में चला। जिसकी पैरवी सहायक अभियोजन अधिकारी उपेन्द्र शर्मा के द्वारा की गयी साक्ष्य एवं गवाहों के बयानों के आधार पर कुल 19 अभियुक्तों को सजा सुनाई गयी। इससे पूर्व इसी मामले में एक अभियुक्त जिसे किशोर न्याय बोर्ड, चम्पावत से भी सजा सुनाई जा चुकी है।
मामले में 16 अभियुक्तों को धारा 417 में एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10000-10000 रू पये अर्थदण्ड, धारा 471 में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10000-10000 रूपये अर्थदण्ड, धारा 468 में तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10000-10000 रूपये अर्थ दण्ड एवं 3 अभियुक्तों को जिन्होने फर्जी दस्तावेज बनाये थे उन्हे धारा 120ख में एक-एक वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10000-10000 रू पये अर्थदण्ड, धारा 468 में तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10000-10000 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई है।