हल्द्वानी। ट्रेड यूनियंस समेत जनसरोकारों से जुड़े एक मई को मजदूर दिवस मनाएंगे। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मजदूर एकता दिवस मनाते हुए श्रमिक विरोधी मामले उठाए जाएंगे। मई दिवस आयोजन संयुक्त समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि मई दिवस मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष का प्रतीक दिवस है। कई मजदूरों ने अपनी शहादत देकर 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम, 8 घंटे मनोरंजन आदि मांगों को अपने संघर्षों के दम पर हासिल किया था।
आज लगातार जहां औद्योगिकरण बड़ा है वहीं मजदूरों की हालत दिन-प्रतिदिन बुरी होती जा रही है। मजदूरों- मेहनतकशों को 8 घंटे काम, 8 घंटा आराम, और 8 घंटा मनोरंजन की जगह आज कई जगहों पर 12-12 घंटे मजदूरों को काम करने को मजबुर होना पड़ा रहा है। देश के स्तर पर श्रम कानून पर हमले बोले जा रहे हैं, श्रम कानूनों को खत्म कर 4 लेबर कोड स्थापित किए जा रहे हैं। अलग-अलग फैक्ट्रियों के स्तर पर मजदूरों की छंटनीया हो रही है लगातार मजदूर अपने अधिकारों के लिए आवाजों को उठा रहे हैं लेकिन सरकारें मजदूरों की आवाज सुनने के बजाय श्रम कानूनों को ढीला कर पूंजीपती वर्ग के हितों में खड़ी हैं।
मजदूर वर्ग को अपने इतिहासिक संघर्षों को याद करते हुए नए सिरे से अपनी एकजुटता कायम कर व्यापक रूप से अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने की जरूरत है। इसी क्रम में मई दिवस के ऐतिहासिक दिन पर मई दिवस आयोजन संयुक्त समिति हल्द्वानी में कार्यक्रम आयोजित कर रही है। समिति पदाधिकारियों ने ट्रेड यूनियनों, जन संगठनों व प्रबुद्ध जनों से कार्यक्रम में भागीदारी करने का आह्वान किया है।