देहरादून। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने धर्मार्थ माधवाश्रम अस्पताल का स्वामित्व स्वास्थ्य विभाग को सौंपने को लेकर राज्य कैबिनेट द्वारा पूर्व में लिये गये सभी निर्णयों को अक्षरश: लागू करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि विभाग द्वारा अभी तक कैबिनेट के सभी निर्णयों को लागू नहीं किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में रूद्रप्रयाग जनपद के बेला (कोटेर) स्थित श्री ज्योतिष्पीठाधीर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम धर्मार्थ ट्रस्ट के अस्पताल को लेकर बैठक ली। विभागीय मंत्री ने बैठक में ही महानिदेशक स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्साधिकारी रूद्रप्रयाग को इस बाबत शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से चिकित्सालय के समायोजन को लेकर कुछ शतेर्ं रखी गई है, जिनमें चिकित्सालय का नाम ‘ज्योतिष्पीठाधीर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम’ रखना, चिकित्सालय में पूर्व से काम कर रहे आठ कर्मचारियों को विभाग में आउटसोर्स के माध्यम से समायोजन, जिला सलाहकार स्वास्थ्य समिति के गठन होने पर ट्रस्ट की ओर से एक सदस्य को समिति में नामित करना शामिल है।
विभागीय मंत्री ने बताया कि धर्मार्थ चिकित्सालय का विस्तारिकरण किया जायेगा। वर्तमान में मुख्य जिला चिकित्सालय रूद्रप्रयाग में 80 बैड स्थापित है जबकि धर्मार्थ अस्पताल में कुल 83 बेड हैं। दोनों अस्पतालों में पूर्व से निर्मित भवन एवं प्रस्तावित निर्माणाधीन भवन के निर्माण पूर्ण होने पर यहां बेड़ों की संख्या 308 हो जायेगी। जिससे स्थानीय लोगों एवं चारधाम यात्रियों को बेहत्तर स्वास्थ्य सेवाओं सुलभ हो सकेगी। बैठक में ट्रस्ट के प्रबंधक ट्रस्टी स्वामी शिवानंद गिरी ने पूर्व में हुये समझौते की सभी शतोर्ं को शीघ्र पूरा करने की मांग रखी। बैठक में विधायक रूद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. आर राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. शैलजा भट्ट, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, संयुक्त निदेशक डॉ. आरपी खंडूडी, सीएमओ रूद्रप्रयाग सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।