प्रदेश शासन ने राज्य लोक सेवा आयोग को भेजा अधियाचन
विभागीय हेडमास्टर व वरिष्ठ प्रवक्ता होंगे आवेदन को पात्र
देहरादून। राज्य के इंटरमीडिएट कॉलेजों में वषोर्ं से खाली पड़े प्रधानाचार्यों के 1024 पदों में से 50 फीसदी सीधी भर्ती से तो 50 फीसदी पद विभागीय पदोन्नति से भरे जाएंगे। विद्यालयी शिक्षा विभाग ने दो माह पहले प्रधानाचार्यों के कुल रिक्त 1024 पदों में से 692 पदों को सीधी भर्ती से भरने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया था।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अब शासन ने राज्य लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया है। शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद उच्च न्यायलय में विचाराधीन होने के कारण विभागीय पदोन्नति के पद नहीं भरे जा सके हैं, जिसको देखते हुए सरकार ने बीते वर्ष 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरने का फैसला कैबिनेट में लिया था। जबकि प्रधानाचार्यों के कुल स्वीत 1385 पदों में से 361 पद विभागीय पदोन्नति से पहले ही भरे हैं तथा 332 पदोन्नति के पद खाली हैं। जिनको शिक्षकों की वरिष्ठता विवाद सुलझने के उपरांत विभागीय पदोन्नति से भरा जाना है। विभाग शिक्षक संगठनों के माध्यम से शिक्षकों के वरिष्ठता विवाद को सुलझाने का भी प्रयास कर रहा है।
सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन की ओर से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भेजे गये अधियाचन के मुताबिक सीधी भर्ती के तहत रिक्त कुल 692 पदों में से प्रधानाचार्य के 624 व प्रधानाचार्या के 68 पदों पर भर्ती होनी है। जिसमें विभागीय पदोन्नति से कार्यरत प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाध्यापिका जिन्होंने 2 वर्ष की निरंतर संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली हो तथा विभागीय नियमावली के नियम-08 के तहत शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण योग्यता रखते हों आवेदन कर सकते हैं।
इसी प्रकार मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता जिन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज के सामान्य अथवा महिला शाखा में न्यूनतम 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण करने के साथ ही नियम-8 के तहत शैक्षणिक व प्रशिक्षण योग्यता धारित करते हों विभागीय परीक्षा के पात्र होंगे। मौलिक रूप से नियुक्त ऐसे प्रवक्ता जो सहायक अध्यापक एलटी से प्रवक्ता पद पर प्रोन्नत हुए हों तथा प्रवक्ता के रूप में न्यूनतम 10 वर्ष की निरंतर संतोषजनक सेवा पूर्ण कर चुके हों साथ ही नियमावली के तहत शैक्षिक व प्रशिक्षण योग्यता पूर्ण करते हों सीधी भर्ती हेतु पात्र माने जाएंगे। आयोग ने की जाने वाली सीधी भर्ती प्रक्रिया में दिव्यांग श्रेणी के पात्र शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए 4 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की भी व्यवस्था रखी गई है।