देहरादून। मेघदूत नाट्य संस्था के संस्थापक और प्रख्यात रंगकर्मी एस. पी. ममगाईं ने अपने लिखे नाटकों की दो पुस्तकें माया देवी यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट मनोहर लाल जुयाल को भेंट करते हुए अपेक्षा व्यक्त की है कि रंगमंच की विधा के इच्छुक छात्र छात्राओं से इनका मंचन कराएं।
श्री ममगाई ने चित्तौड़ की महारानी पद्मिनी और उत्तराखंड के दो ऐतिहासिक कथानकों पर इन आधारित इन नाटकों को बहुत लम्बे शोध के बाद लिखा है। इनमें एक नाटक 17वीं शताब्दी की अद्वितीय शौर्य तथा पराक्रम का प्रदर्शन कर मातृभूमि की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाली उत्तराखंड की जॉन ऑफ आर्क अथवा झांसी की रानी की तरह बहादुर तीलू रोतेली के अद्भुत पराक्रम पर केंद्रित है और दूसरा नाटक तैडी गढ़ की तिलोगा तथा भरपूर गढ़ के राजकुमार अमर देव सजवाण के प्रणय प्रसंग पर आधारित है।
तीलू रौतेली नाटक का एक से अधिक बार मंचन हो चुका है जबकि तिलोगा तथा अमर देव सजवाण के जीवन वृत्त पर आधारित नाटक का जल्द मंचन होने जा रहा है। आजकल इस नाटक की रिहर्सल चल रही है और शीघ्र ही राजधानी देहरादून में इसका मंचन होगा।
श्री जुयाल ने ममगाई के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि रंगकर्म अपने आप में बड़ी साधना है और इसके जरिए नई पीढ़ी को इतिहास की सम्यक जानकारी मिलती है। उन्होंने श्री ममगाई के दीर्घ जीवन की कामना करते हुए कहा कि उनसे समाज को अभी बहुत कुछ पाना है।
इस अवसर पर मेघदूत नाट्य मंच के आर सी मिश्रा, दिनेश शास्त्री और सक्षम जुयाल मौजूद थे।