अगली सुनवाई 20 मई,चुनाव से जुड़ी पूरी कार्ययोजना पेश करने के निर्देश
नैनीताल। अब नैनीताल उच्च न्यायालय ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव पर सरकार से पूछा है कि चुनाव कब तक कराए जा सकते हैं ? न्यायालय ने 20 तक इसका पूरा व्यौर तलब किया है। इसी दिन अगली सुनवाई भी तय कर कर दी है। न्यायालय ने कहा कि जब पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है तो प्रशासक नियुक्त करने का सवाल नहीं हो सकता। यह एक संविधानिक प्रक्रिया है उसी के अनुरूप चुनाव कराए जाने चाहिए। राज्य सरकार अपने दायित्वों से अलग नहीं हो सकती। जबकि चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि उनकी चुनाव कराने सम्बन्धी सभी प्रक्रिया तैयार हैं। उन्होंने पूरा प्रोग्राम सरकार को भेज दिया अब सरकार को उस पर निर्णय लेना है कि कहां आरक्षण देना है कहां नहीं?
शुक्रवार को यह सवाल पूर्व ग्राम प्रधान विजय तिवारी सहित कई अन्य लोगों की जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए
मुख्य न्यायाधीश नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की संयुक्त खण्डपीठ पूछा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि पहले राज्य सरकार ने जिला पंचायतों में निवर्तमान अध्यक्षों को प्रशासक नियुक्त किया अब सरकार ने ग्राम पंचायतों का चुनाव कराने के बजाय निवर्तमान ग्राम प्रधानों को भी प्रशासक नियुक्त करके उन्हें वित्तीय अधिकार दे दिए हैं। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हुए काफी वक्त बीत चुका है लेकिन सरकार ने अभी तक चुनाव नही कराए। ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त करने पर होने वाले चुनाव को ये प्रभावित कर सकते हैं।
याचिकाकर्ताओ ने उच्च न्यायालय को सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णयों की जानकारी दी। इन निर्णयों में कहा गया है कि प्रशासक तभी नियुक्त किया जा सकता है यदि ग्राम सभा को किन्ही कारणों से भंग कर दिया गया हो। भंग करने के बाद भी वहां छह माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है। छह माह से अधिक प्रशासकों का कार्यकाल नहीं हो सकता। यहां तो इसका उल्टा हो रहा है।
निर्वाचित पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है अब सरकार निवर्तमान ग्राम प्रधानों को प्रशासक नियुक्त कर रही है। इससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार अभी चुनाव कराने की स्थिति में नही है। जबकि अभी मतदाता सूची और आरक्षण तय करने सम्बन्धी कई कार्य चुनाव आयोग को करने होंगे।