उद्योगों की आवश्यकता पर तैयार हो पाठय़क्रम : डा. धन सिंह

विभागीय मंत्री डा.रावत ने ली उच्च शिक्षा परिषद की बैठक
देहरादून। प्रदेश के नौनिहालों को रोजगार से जोड़ने के लिये प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप पाठय़क्रम तैयार किये जायेंगे, जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। इसके अलावा कौशल विकास से संबंधित पाठय़क्रमों को क्रेडिट फ्रेमवर्क से जोड़ने को भी अधिकारियों को कहा गया है। इसके साथ ही विभागीय योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में अधिकारियों को दिये गये।

राज्य उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित उच्च शिक्षा परिषद की 12वीं बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये हैं। सचिवालय स्थित मुख्य सचिव सभागार में आयोजित परिषद की बैठक में प्रदेश के नौजवानों को शोध व रोजगारपरक उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये विस्तृत चर्चा की गई। डा.रावत ने बताया कि नौजवानों को रोजगार से जोड़ने के लिये विविद्यालय उद्यमिता विकास को पाठय़क्रम का अनिवार्य हिस्सा बनायेंगे और उद्योग जगत की आवश्यकता के अनुरूप पाठय़क्रम तैयार करेंगे।

डा.रावत ने बताया कि वन स्टेट वन सब्सक्रिप्शन योजना के तहत प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में ई-बुक की सुविधाएं उपलब्ध की जायेगी, जिसका लाभ प्रत्येक छात्र-छात्राओं, शोद्यार्थियों और शिक्षकों को मिलेगा। वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना को लेकर प्रत्येक महाविद्यालयों एवं विविद्यालयों में सेमिनार आयोजित किये जायेंगे, जिसमें छात्र-छात्राओं की भागीदारी अनिवार्य रूप से रहेगी।

इसके अलावा विविद्यालय परिसरों और महाविद्यालयों में अनिवार्य रूप से 180 दिन शैक्षणिक सत्र संचालित करने, उपस्थिति मानक पूरा न करने वाले छात्रों को परीक्षा से वंचित करने, वर्ष 2025 तक ड्रग फ्री कैम्पस के लक्ष्य को पूरा करने व छात्र-छात्राओं को इसका ब्रांड एम्बेसडर बनाने, विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने, उच्च शिक्षण संस्थानों में ओपन जिम खोलने का निर्णय बैठक में लिया गया।

बैठक में उच्च शिक्षा सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने पाठय़क्रम के सुधार पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पाठय़क्रम में एप्लाइड पार्ट को जोड़कर इंटर्नशिप को बढ़ावा दिया जायेगा और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप पाठय़क्रम अलाइन किये जायेंगे।

परिषद की बैठक में पद्मभूषण व पद्मश्री डा.अनील प्रकाश जोशी, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव कौशल विकास सी रवि शंकर, अपर सचिव आयुष विजय जोगदंडे, रूसा सलाहकार प्रो.एमएसएम रावत, प्रो.केडी पुरोहित, उप सचिव उच्च शिक्षा ब्योमकेश दुबे, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो.अंजू अग्रवाल, प्रो.राजेन्द्र डोभाल, राकेश ओबरय, डा.ममता सिंह, एसएन बन्ना, संयुक्त निदेशक प्रो.एएस उनियाल, डीएस नेगी, उप निदेशक ममता डय़ूडी, सहायक निदेशक प्रो.दीपक कुमार पाण्डेय, प्रो. गोविंद पाठक सहित विभिन्न क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ, शिक्षाविद् और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश में बनेंगे तीन नये महाविद्यालय
उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में डा. रावत ने केन्द्र पोषित योजना पीएम-उषा की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़, श्रीनगर और देहरादून के बालावाला में एक-एक महाविद्यालय स्थापित किया जायेगा। इसके लिये उन्होंने विभागीय अधिकारियों को तीन महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजने के निर्देश दिये।

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