उत्तरकाशी। बीते सोमवार को यमुनोत्री पैदल मार्ग पर हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ यात्री आ गए थे। जिनकी तलाश में मंगलवार सुबह दोबारा खोज बचाव अभियान शुरू कर दिया गया। वहीं डीएम प्रशांत आर्य भी जानकीचट्टी पहुंच चुके हैं। वहां पर उन्होंने अधिकारियों से घटना और रेस्क्यू से संबंधित जानकारी ली।
इसबीच अब प्रशासन ने निर्णय लिया है कि यमुनोत्री धाम की यात्रा को भंडेलीगाड़ से ढाई किमी लंबे वैकल्पिक मार्ग से संचालित करवाया जाएगा। जानकीचट्टी पुलिस चैकी प्रभारी गंभीर तोमर ने बताया कि डीएम के निर्देश पर वैकल्पिक मार्ग से यात्रा शुरू करा दी गई है।
घटनाक्रम के अनुसार बीती सोमवार को जानकीचट्टी-यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर भूस्खलन होने के कारण पांच लोग दब गए थे। स्थानीय लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ, एनडीआरएफ सहित पुलिस, राजस्व और लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग, मंदिर समिति की टीम मौके पर पहुंची।
खोज बचाव अभियान के दौरान मुंबई निवासी एक यात्री को बाहर निकालकर उसे उपचार के लिए पीएचसी के लिए भेजा गया था। वहीं घटना में एक 12 वर्षीय किशोरी और एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी। उनके शव खाई से बाहर निकाल दिए गए थे। हालांकि अभी उनकी पहचान नहीं हो पाई है।
सूचना मिलने पर राहत और खोज बचाव अभियान के लिए विभिन्न विभागों की टीम वहां पर पहुंची। इस दौरान मलबे और बोल्डर के नीचे दबे मुंबई निवासी रशिक को बाहर निकालकर वहां पर प्राथमिक उपचार के बाद उसे इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानकीचट्टी भेजा गया।
वहां पर डॉक्टर हरदेव रावत ने बताया कि रशिक के सिर और हाथ पर चोटें आई हैं और वह खतरे से बाहर और उसका उपचार चल रहा है।ं घटनास्थल पर चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान के दौरान एक 12 वर्षीय किशोरी की बोल्डर की चपेट में आने के कारण खाई में गिरने से मौत हो गई। उसका शव बरामद कर लिया गया है।