आउटसोर्स, संविदा एवं देनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की लिस्ट पेश करें: हाईकोर्ट

राज्य सरकार को दिया तीन सप्ताह का समय, न्यायालय ने दिए नीतिगत फैसला देने के संकेत
दूरगामी और महत्वपूर्ण बन गया है मामला, परेशान कर्मचारियों को फिर दिखाई देने लगी है रोशनी

नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की संयुक्त खण्डपीठ ने राज्य सरकार को आउटसोर्स, संविदा सहित दैनिक वेतन कर्मचारियों का डेटा तलब कर लिया है। इसके लिए राज्य सरकार का तीन सप्ताह का समय दिया है। न्यायालय का यह आदेश महत्वपूर्ण एवं दूरगामी प्रभाव से जुड़ा हुआ है। न्यायालय ने साफ कर दिया है कि इस मामले में न्यायालय राज्य सरकार को न्याय संगत योजना शुरू करने के लिए कहा सकता है।

यह आदेश शुक्रवार को वन विभाग के संविदा कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान देने व नियमित किए जाने की एक याचिका की सुनवाई करते हुए संयुक्त खंडपीठ ने जारी किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि वे पिछले कई वषोर्ं से विभाग में कार्यरत है। उन्हें न तो नियमित किया जा रहा और न ही न्यूनतम वेतनमान दिया जा रहा। पूर्व में एकलपीठ ने उनके हित मे फैसला देते हुए कहा कि उन्हें न्यूनतम वेतन व नियमित किया जाय। परन्तु सरकार ने इस आदेश को खण्डपीठ में चुनौती देते हुए कहा कि उनके पास ये पद स्वीकृत नही हैं न ही सरकार के पास इन्हें न्यूनतम वेतन देने का बजट है।

इस मामले में संयुक्त खंठपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार सभी विभागों में कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स के माध्यम से लगे कर्मचारियों की लिस्ट पेश करें। ताकि उनके भविष्य के लिए कोई नीति बनाई जा सके। न्यायालय के इस आदेश के बाद कई सालों से संविदा या आउटसोर्स के आधार पर काम कर रहे हजारों कर्मचारियों को न्यायालय से एक बार फिर नई रोशनी मिल गई है।

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