रुद्रप्रयाग। पंचकेदार में प्रसिद्ध द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई सुबह 11 बजे खुलेंगे। वहीं, 15 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली पंचकेदार ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ परिसर में स्थापित होगी जबकि, 17 मई डोली रांसी के लिए प्रस्थान करेगी। चल विग्रह डोली का 18 मई को गौंडार में प्रवास होगा और 19 मई को सुबह 11 बजे मदमहेश्वर के कपाट खोले जाएंगे।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं केदारनाथ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि आज बैसाखी के शुभ अवसर पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पंचाग गणना पश्चात विधि-विधान पूर्वक द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है। ऐसे में 19 मई सुबह 11 बजे भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोले जाएंगे। कहा जाता है कि भगवान शिव खुद को पांडवों से छिपाना चाहते थे, तब बचने के लिए उन्होंने स्वयं को केदारनाथ में दफन कर लिया, बाद में उनका शरीर मदमहेश्वर में दिखाई पड़ा। एक मान्यता के मुताबिक, मदमहेश्वर में शिव ने अपनी मधुचंद्ररात्रि मनाई थी। वहीं, जो व्यक्ति भक्ति से या बिना भक्ति के ही मदमहेश्वर के माहात्म्य को पढ़ता या सुनता है। उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए आपको गर्मियों में जाना होगा क्योंकि मदमहेश्वर मंदिर सर्दी के मौसम में बंद रहता है। इस क्षेत्र में पिण्ड दान शुभ माना जाता है। यदि कोई इस क्षेत्र में पिंडदान करता है। वह पिता की सौ पीढ़ी पहले के और सौ पीढ़ी बाद के तथा सौ पीढ़ी माता के तथा सौ पीढ़ी श्वसुर के वंशजों को तरा देता है। इस साल यानी 2022 में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू होने जा रही है। 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट इस बार 6 मई को खुलेंगे। केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में है। बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 8 मई को खुलेंगे। बदरीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य एवं केदारनाथ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती ने बताया कि आज बैसाखी के शुभ अवसर पर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पंचाग गणना पश्चात विधि-विधान पूर्वक द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट खुलने की तिथि तय हो गयी है। ऐसे में 19 मई सुबह 11 बजे भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोले जाएंगे। कहा जाता है कि भगवान शिव खुद को पांडवों से छिपाना चाहते थे, तब बचने के लिए उन्होंने स्वयं को केदारनाथ में दफन कर लिया, बाद में उनका शरीर मदमहेश्वर में दिखाई पड़ा। एक मान्यता के मुताबिक, मदमहेश्वर में शिव ने अपनी मधुचंद्ररात्रि मनाई थी। वहीं, जो व्यक्ति भक्ति से या बिना भक्ति के ही मदमहेश्वर के माहात्म्य को पढ़ता या सुनता है। उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है। यहां भगवान शिव के दर्शन के लिए आपको गर्मियों में जाना होगा क्योंकि मदमहेश्वर मंदिर सर्दी के मौसम में बंद रहता है। इस क्षेत्र में पिण्ड दान शुभ माना जाता है। यदि कोई इस क्षेत्र में पिंडदान करता है। वह पिता की सौ पीढ़ी पहले के और सौ पीढ़ी बाद के तथा सौ पीढ़ी माता के तथा सौ पीढ़ी श्वसुर के वंशजों को तरा देता है। इस साल यानी 2022 में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू होने जा रही है। 3 मई को अक्षय तृतीया के दिन यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेंगे। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं। इसके साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट इस बार 6 मई को खुलेंगे। केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में है। बदरीनाथ धाम के कपाट इस बार 8 मई को खुलेंगे। बदरीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है।