रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली गौरीकुंड से निकलकर विभिन्न पड़ावों से होकर केदारपुरी पहुंच गई है, जबकि डोली के साथ लगभग दस हजार के करीब तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं में बाबा केदार के प्रति जोरदार उत्साह बना हुआ है। वहीं कपाट खोलने को लेकर बाबा के धाम को 15 कुंतल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। प्रशासन स्तर से यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे के करीब बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली गौरी माई मंदिर गौरीकुंड से रवाना हुई, जो जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली सहित विभिन्न पड़ावों से होकर दोपहर तीन बजे केदारनाथ धाम पहुंची। डोली के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी धाम पहुंच गये हैं। जैसे ही डोली केदारनाथ मंदिर प्रांगण में पहुंची तो भक्तों के जयकारों से धाम गुंजायमान हो उठा। बाबा की पैदल डोली यात्रा के साथ दस हजार के करीब यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है और 6 माह से वीरान बाबा दरबार एक बार फिर से भक्तों की आवाजाही से गुलदार हो गया है। आज सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर बाबा केदार के कपाट खुलने हैं। बाबा के धाम को इस बार 15 कुंतल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। मंदिर की भव्यता दूर से ही नजर आ रही है।
केदारनाथ यात्रा पर इस बार भारी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है। 20 जून तक केदारनाथ सहित सम्पूर्ण केदारघाटी में सभी होटल लॉज बुक हैं। इस बार केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चलने वाले 12 हजार घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने कहा कि प्रशासन की सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हैं। यात्रा पर आने वाले यात्री इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करेंगे। प्रशासन इस बार क्यू मैनेजमेंट व्यवस्था पर भी ध्यान दे रहा है, जिससे अनावश्यक रूप से भक्त लाइन में खड़ा ना रहें और उन्हें टोकन के जरिये यात्रा करवाई जाए। यह व्यवस्था जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे के करीब बाबा केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली गौरी माई मंदिर गौरीकुंड से रवाना हुई, जो जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली सहित विभिन्न पड़ावों से होकर दोपहर तीन बजे केदारनाथ धाम पहुंची। डोली के साथ हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी धाम पहुंच गये हैं। जैसे ही डोली केदारनाथ मंदिर प्रांगण में पहुंची तो भक्तों के जयकारों से धाम गुंजायमान हो उठा। बाबा की पैदल डोली यात्रा के साथ दस हजार के करीब यात्री केदारनाथ पहुंच चुके हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है और 6 माह से वीरान बाबा दरबार एक बार फिर से भक्तों की आवाजाही से गुलदार हो गया है। आज सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर बाबा केदार के कपाट खुलने हैं। बाबा के धाम को इस बार 15 कुंतल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है। मंदिर की भव्यता दूर से ही नजर आ रही है।
केदारनाथ यात्रा पर इस बार भारी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है। 20 जून तक केदारनाथ सहित सम्पूर्ण केदारघाटी में सभी होटल लॉज बुक हैं। इस बार केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चलने वाले 12 हजार घोड़े खच्चरों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने कहा कि प्रशासन की सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हैं। यात्रा पर आने वाले यात्री इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करेंगे। प्रशासन इस बार क्यू मैनेजमेंट व्यवस्था पर भी ध्यान दे रहा है, जिससे अनावश्यक रूप से भक्त लाइन में खड़ा ना रहें और उन्हें टोकन के जरिये यात्रा करवाई जाए। यह व्यवस्था जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
केदारनाथ में 2013 के बाद से पुनर्निर्माण कार्य कर रही वुड स्टोन कंपनी के प्रबंधक मनोज सेमवाल ने बताया कि आपदा के बाद से धाम में लगातार पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं। धाम में शंकराचार्य गद्दीस्थल का निर्माण पूर्ण हो चुका है। साथ ही कुछ तीर्थ पुरोहितों के लिए घर बन चुके हैं। मंदिर के आगे सात फीट चौड़े रास्ते का निर्माण भी पूर्ण हो चुका है। साथ ही आस्था पथ का निर्माण जारी है। उन्होंने कहा कि अब द्वितीय चरण में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर भव्य घाट का निर्माण जारी है। सरस्वती नदी पर पुल भी बन रहा है। इसके अलावा धाम में प्रशासनिक भवन तैयार किया जा रहा है।
वहीं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि जो भी तीर्थयात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। वे सावधानी से धाम पहुंचे। तीर्थयात्रियों को शासन-प्रशासन के नियमों के अनुसार केदारनाथ धाम पहुंचना है। ऐसा नहीं कि तीर्थयात्री बिना किसी तैयारी के साथ धाम पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोविड के दो साल बाद विधि-विधान से यात्रा शुरू हो रही है। तीर्थयात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त की जा रही हैं। शौचालय, बिजली, रहने और खाने की व्यवस्थाएं की गई हैं। तीर्थयात्रियों को किसी भी समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।