दक्षलक्षण महा पर्व पर विश्व शांति के लिए कामनाएं की

देहरादून। जैन धर्म के पवित्र त्यौहार दक्षलक्षण  महा पर्व के शुभअवसर पर भगवान स्वामीनारायण मंदिर जूनागढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और विश्व योग गुरु डॉ अनिल जैन के साथ प्रार्थना (अभिषेक) करते हुए,विश्व शांति के लिए कामनायें की गयी।
जिसमें गिरनार पर्वत पर स्थित अंबाजी मंदिर बीपीएस स्वामीनारायण मंदिर पूजनीय शेरनाथ बापू के गोरखनाथ आश्रम श्री भावनाथ महादेव सहित अनेक जैन स्थानको सहित मंदिर में जाकर पूजा अर्चना अनुष्ठान किया।
इस अवसर पर डॉ जैन नें प्रकृति के साथ सामजंस्य बनाये रखने की सलाह देतें हुवे कहा कि हम योग के माध्यम से अपने स्वास्थ्य के प्रति सजक रहकर सात्विक जीवन जीने की कला सीख सकतें है।क्योंकि उत्तम स्वास्थ्य के साथ ही सर्वाेत्तम देश की कल्पना भी सम्भव है।
डॉ अनिल जैन ने बताया की भाद्रपद मास  का जैन धर्म में विशेष महत्व माना गया है। इस मास में  जैन समाज दसलक्षण पर्व मनाएगा। इस महीने में जैन दर्शन में त्याग, नियम, संयम का पालन विशेष तौर से किया जाता है। इस पर्व को जैन धर्म में त्याग का पर्व भी कहा गया है और इसलिए दशलक्षण पर्व का जैन धर्म में सबसे अधिक महत्व क्योंकि इसमें उत्तम क्षमा, मार्दव, आजर्व, सत्य, शौच, संयम, तप, त्याग, अंकिचन व ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है।
इस अवसर पर
कृषि और किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार, रामभाई मोकारियाजी सांसद (राज्य सभा), श्री राजेशभाई चुडासमा सांसद लोकसभा, श्री गोविंदभाई पटेल, विधायक राजकोट, जिला कलेक्टर एवं अन्य प्रमुख लोगों की उपस्थिति रही तदोपरांत चुनावी रणनीति के विषय में चर्चा की गई जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर की अध्यक्षता में सलाह समिति के बीच मुख्य बिंदुओं पर सार्थक निर्णय लिए गए।

आपको बता दें कि भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में स्थित पहाड़ियाँ गिरनार नाम से जानी जाती हैं। यह जैनियों का सिद्ध क्षेत्र है यहाँ से नारायण श्री कृष्ण के सबसे बड़े भ्राता तीर्थंकर भगवान देवादिदेव 1008 नेमीनाथ भगवान ने मोक्ष प्राप्त किया है यह अहमदाबाद से 327 किलोमीटर की दूरी पर जूनागढ़ के 10 मील पूर्व भवनाथ में स्थित हैं। जहां  लाखों की संख्या में लोग अपनी मनोंकामनाये लेकर भगवान के दर्शनार्थ आते हैं।

विशेष बात यह है कि देश के गिरनार पर्वत पर बना सबसे बड़ा रोपवे है कि गिरनार रोपवे के माध्यम से सभी लोग गिरनार पर्वत पर बने अंबे मंदिर पर दर्शन के लिए बिना किसी समस्या के जा सकते हैं। यहां बता दें कि इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 9999 सीढ़ियां चढ़ने पड़ती थी परंतु अब इस रोपवे से लोगों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही बता दें कि इस रोपवे की सहायता से लोग इतनी ऊंची चढ़ाई को केवल 7 मिनट में पूरा कर सकते हैं।

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