जिला सहकारी बैंक में भर्ती 9 गार्ड बर्खास्त

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कांग्रेस शासनकाल में हुई थी 19 गाडरे की भर्ती
रुड़की। कांग्रेस शासनकाल में जिला सहकारी बैंक में हुई गाडोर्ं की भर्ती के मामले में फर्जी दस्तावेज दाखिल कर नौकरी पाने वाले 9 गाडोर्ं की सेवा समाप्त कर दी गई है। मंगलवार को जिला सहकारी बैंक बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है। तत्कालीन चेयरमैन के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर बोर्ड ने उनको एक और मौका देने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने तत्कालीन चेयरमैन से 31 मई तक जवाब देने को कहा है।
कांग्रेस शासनकाल में जिला सहकारी बैंक में गाडोर्ं की भर्ती की गई थी। 19 पदों के लिए 2298 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। गाडोर्ं के चयन के लिए एक कमेटी भी बनी थी। जिसके बाद गाडोर्ं का चयन कर लिया गया था। लेकिन इसी दौरान पुर्वावली  गणोशपुर निवासी सुनीता चौधरी ने इस मामले में शासन को शिकायत की थी कि जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात कही गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अपात्रो को भर्ती कर लिया गया है। जिसके बाद शासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच बैठा दी थी। 30 अप्रैल 2022 को सहकारिता विभाग के निबंधक आलोक कुमार पांडे ने तत्कालीन महाप्रबंधक दीपक कुमार व तत्कालीन सहायक निबंधक सहकारिता सुभाष गहतोडी को दो दो वेतन वृद्धि रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि देकर दंडित किया था, साथ ही तत्कालीन चेयरमैन सुशील चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करने व अपात्रों की सेवा समाप्त करने के निर्देश बोर्ड को दिए गए थे। मंगलवार को जिला सहकारी बैंक बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें चेयरमैन प्रदीप चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 16 सदस्यों में से 3 सदस्यों सुशील चौधरी, प्रह्लाद सिंह, मंजू चौधरी ने इस कार्रवाई का विरोध किया। बैठक में तय किया गया कि सभी 9 आपात्रो  की सेवा समाप्त की जाती है,साथ ही तत्कालीन चेयरमैन सुशील चौधरी को 31 मई तक अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए गए हैं। बैठक में डीसीबी चेयरमैन प्रदीप चौधरी, उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, सुशील राठी,सुरेंद्र सिंह, प्रह्लाद सिंह, देवेंद्र कुमार, सुनीता, संतोष देवी,कपिल कांत, धमेर्ंद्र मौजूद रहे।

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