सीएम धामी सहित कई नेताओं ने दी काबीना मंत्री चंदन रामदास को अंतिम बिदाई
बागेश्वर। काबीना मंत्री चंदन राम दास गुरूवार को पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनका राजकीय सम्मान के साथ सरयू-गोमती तथा विलुप्त सरस्वती नदी के संगम पर अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, मंत्रियों में सुबोध उनियाल, प्रेम चंद्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्या, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण समेत कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया आदि ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल व एसपी हिमांशु कुमार वमा्र ने भी पुष्पचक्र चढ़ाया। चिता को मुखाग्नि उनके बेटे गौरव दास व भाष्कर दास ने दी। पुलिस की टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी। इधर, दास की अंतिम विदाई में जन सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने पुल, घाट, मंदिर और नुमाइशखेत मैदान से दास को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बागेश्वर। काबीना मंत्री चंदन राम दास गुरूवार को पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनका राजकीय सम्मान के साथ सरयू-गोमती तथा विलुप्त सरस्वती नदी के संगम पर अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, मंत्रियों में सुबोध उनियाल, प्रेम चंद्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, रेखा आर्या, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, जिलाध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण समेत कपकोट विधायक सुरेश गढ़िया आदि ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जिलाधिकारी अनुराधा पाल व एसपी हिमांशु कुमार वमा्र ने भी पुष्पचक्र चढ़ाया। चिता को मुखाग्नि उनके बेटे गौरव दास व भाष्कर दास ने दी। पुलिस की टुकड़ी ने उन्हें अंतिम सलामी दी। इधर, दास की अंतिम विदाई में जन सैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने पुल, घाट, मंदिर और नुमाइशखेत मैदान से दास को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पूर्व शव को दर्शन के लिए भाजपा कार्यालय मंडलसेरा परिसर पर रखा गया। वहां हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं, विभिन्न संगठनों, व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने अंतिम दर्शन किए। 10 बजे शव यात्रा निकली। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए।
जानकारों का मानना है कि वर्ष 2007 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने 2012, 2017 और 2022 का चुनाव अपनी सियासी पकड़, कुशल चुनाव प्रबंधन और सीधे और सादगी भरे व्यक्तित्व के कारण जीता था। मंत्रिमंडल के अन्य साथी भी उनके लंबे राजनीतिक अनुभव से प्रभावित होकर उनसे मशविरा और मार्गदर्शन प्राप्त करते थे।दास के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर लोगों की नजर टिक गई है।
सबसे पहले नंबर दास की पत्नी पार्वती दास का हो सकता है। भाजपा दिवंगत नेताओं की पत्नियों को महत्व देती रही है।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाजपा के कद्दावर नेता प्रकाश पंत का है। उनके निधन पर उनकी पत्नी चंद्रा पंत को भाजपा ने टिकट दिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो स्व. चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास उनकी उत्तराधिकारी हो सकती हैं। बहुत कुछ उनकी (पार्वती दास) इच्छा पर भी निर्भर रहेगा।
बहरहाल दास का उत्तराधिकारी दास के ही परिवार से आने की संभावना जताई जा रही है। दास के पुत्र गौरव दास भी पिता की विरासत संभाल सकते हैं।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भाजपा के कद्दावर नेता प्रकाश पंत का है। उनके निधन पर उनकी पत्नी चंद्रा पंत को भाजपा ने टिकट दिया था। इस लिहाज से देखा जाए तो स्व. चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास उनकी उत्तराधिकारी हो सकती हैं। बहुत कुछ उनकी (पार्वती दास) इच्छा पर भी निर्भर रहेगा।
बहरहाल दास का उत्तराधिकारी दास के ही परिवार से आने की संभावना जताई जा रही है। दास के पुत्र गौरव दास भी पिता की विरासत संभाल सकते हैं।