सिलक्यारा टनल हादसा : श्रमिकों की निकासी किसी भी पल

गुरुवार को सुबह या दोपहर तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता
रेस्क्यू आपरेशन के बीच सीएम पुष्कर धामी भी मातली हेलीपैड पहुंचे
उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए 12 दिन से जारी रेस्क्यू आपरेशन के बीच खुशखबरी सामने आ सकती है। गुरुवार को सुबह या दोपहर तक मजदूरों को बाहर निकाला जा सकता है। ऑगर मशीन के जरिए ह्यूम पाइप पुशिंग का रेस्क्यू कार्य टनल के मलबे वाले हिस्से को भेदने के करीब पहुंचा है। देर शाम तक करीब 48 मीटर मलबे वाले हिस्से तक 800 एमएम व्यास वाले आठ ह्यूम पाइप पुश किए जा चुके हैं। जिस तेजी के साथ सुरंग के अंदर रेस्क्यू कार्य चला रहा था, अनुमान था कि देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो सकता है, लेकिन बताया जा रहा है कि अंदर ड्रिलिंग के दौरान सरिया लगने से मशीन की ब्लेड टूट गई, जिसके चलते रेस्क्यू में बाधा आई है। हालांकि मशीन को फिर से चालू करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम की भी मदद ली जा रही है। दोनों टीम रात आठ बजे सुरंग के अंदर गई हैं।

ऐसे में अब बृहस्पतिवार को रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो सकता है।  रेस्क्यू कार्य जल्द खत्म होने की संभावना के बीच मौके पर 20 एंबुलेंस तैनात की गई हैं और डक्टरों सहित मेडिकल टीम भी मौके पर मौजूद है। मजदूरों के बाहर निकलते ही उनको सीधे चिन्यालीसौड़ सीएचसी पहुंचाने की तैयारी है। रेस्क्यू कार्य अन्तिम दौर में पहुंचने के बाद मौके पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आर्मी, आईटीबीपी, बीआरओ और पुलिस बल सक्रिय हो गया है। मजदूरों के बाहर निकलने की  संभावना के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी देर शाम मातली हेलीपैड उतरे। वह मजदूरों से मुलाकात करने चिन्यालीसौड़ जाएंगे। हो सकता है मुख्यमंत्री धामी गुरुवार सुबह सिलक्यारा पहुंच जाएं। निर्भर करेगा कि रेस्क्यू कार्य कब तक पूरा होता है। चिन्यालीसौड़ में 41 बेड का अस्पताल भी तैयार किया गया है, जहां डक्टरों की टीम मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करेगी।

इससे पूर्व बुधवार शाम सवा 4 बजे पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने रेस्क्यू प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि 48 मीटर तक ह्यूम पाइप्स अंदर पहुंचाने दिए गए हैं। रेस्क्यू लगभग अंतिम दौर में है। सिर्फ 57 मीटर हिस्से तक ह्यूम पाइप पुश किए जाने हैं। इससे साफ हो गया था कि अब मजदूरों को जल्द बाहर निकाला जायगा। इस दौरान नोडल अधिकारी सचिव डा. नीरज खैरवाल, एनएचआईडीसीएल एमडी महमूद अहमद, निदेशक अंशु मनीष, डीएम अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, डीजी सूचना वंशीधर तिवारी, एसडीआरएफ कमाडेंट मणिकांत मिश्रा आदि भी थे।

रेस्क्यू में लगे एनडीआरएफ के सेकेंड इन कमांड रवि एस बधानी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छा चल रहा है। हम सुरंग के अंदर फंसे लोगों के काफी करीब पहुंच चुके हैं, हालांकि अभी समय सीमा बताना कठिन है कि कब तक हम उनको रेस्क्यू कर लेंगे। हमें जल्द ही खुशखबरी मिलने वाली है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों की स्थिति ठीक है। उन्हें यानी बुधवार सुबह भी नाश्ता दिया गया है। उनसे ठीक ठाक कम्यूनिकेशन हो रहा है। सुरंग के अंदर फंसे लोगों का रेस्क्यू स्थल सिलक्यारा आए अपने परिजनों से वार्तालाप हो रहा है। सुरंग के अंदर फंसे लोगों, उनके परिजनों और रेस्क्यू टीमों का मनोबल काफी ऊंचा है।

वहीं बीआरओ के मेजर नमन नरूला भी सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू अपरेशन स्थल पर डटे हैं। हमारा काम वर्टिकल ड्रिलिंग के पहुंचने को एक रास्ता देना था, जो सुरंग के सिल्क्यारा छोर पर था। इसमें 1,150 मीटर का ट्रैक बनाना था।  36 बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि ड्रिलिंग के लिए मशीनगरी सिलक्यारा टनल के छोर की साइट पर पहुंच गई है। इसके साथ ही वहां ड्रिलिंग शुरू हो गई है। रेस्क्यू में लगे एल एंड टी (लार्सन एंड टूब्रो) के सुरक्षा प्रमुख निगेल का कहना है कि मौजूदा स्थिति यह है कि वो एक तरह से ड्रिलिंग कर रहे हैं। ड्रिलिंग का काम बहुत अच्छा चल रहा है। उम्मीद है कि हम जल्द ही अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। हम माइक्रो टनलिंग में भी मदद कर रहे हैं और पूरा काम सही तरीके से चल रहा है।

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