लंबे समय से प्रमोशन की लड़ाई लड़ रहे थे पीसीएस के 2002बैच के अफसर
देहरादून। लंबे समय से प्रमोट होकर आईएस बनने का इंतजार कर रहे 18पीसीएस अधिकारियों के आईएएस बनने पर आज यानी शुक्रवार को मुहर लगेगी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में इन अफसरों के प्रमोशन के लिए डीपीसी प्रस्तावित है। डीओपीटी में होने वाली इस डीपीसी में शामिल होने के लिए सचिव (कार्मिक) शैलेश बगोली दिल्ली चले गए हैं। मुख्य सचिव एसएस संधू भी इस बैठक में शामिल होंगे। राज्य प्रशासनिक सेवा के पहले बैच (2002) के ये सभी अफसर जिलों में डीएम के पद पर तैनाती के लिए अर्ह होंगे। बता दें कि 2002 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर लंबे समय से प्रमोशन की जंग लड़ रहे हैं। जबकि बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसर पदोन्नति पाकर जिलों में एसपी भी बन चुके हैं और कई इस समय भी कर रहे हैं। लेकिन इसी बैच के पीसीएस अफसरों के आईएएस में पदोन्नति में एक लाबी लंबे समय से रोड़े अटका रही थी। ये अफसर सुप्रीम कोर्ट से भी जीत गए थे। लेकिन सरकारों की चहेती लाबी ने इन्हें प्रमोट नहीं किया।
इसके बाद पीसीएस अफसर विनोद गिरि गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में मानहानि याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति जस्टिस एल नागेर राव और न्यायमूर्ति जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ ने इसका निस्तारण किया। खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि डीपीसी कराकर पात्र लोगों को आईएएस में पदोन्नति दी जाए।
2002 के बैच में पीसीएस अफसर ललित रयाल, आनंद श्रीवास्तव, हरीश कांडपाल, गिरधारी रावत, मेहरबान सिंह बिष्ट, आलोकपांडे, बंशीधर तिवारी, रुचि रयाल, झरना कमठान, दीप्ति सिंह, रवनीत चीमा, प्रकाश चंद, निधि यादव, प्रशांत, आशीष भटगई, विनोद गिरि गोस्वामी, संजय और नवनीत पांडे शामिल है। इन पीसीएस अफसरों को प्रमोशन होने पर आईएएस में 2013 से 2015 तक का बैच आवंटित किया जाएगा।
देहरादून। लंबे समय से प्रमोट होकर आईएस बनने का इंतजार कर रहे 18पीसीएस अधिकारियों के आईएएस बनने पर आज यानी शुक्रवार को मुहर लगेगी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में इन अफसरों के प्रमोशन के लिए डीपीसी प्रस्तावित है। डीओपीटी में होने वाली इस डीपीसी में शामिल होने के लिए सचिव (कार्मिक) शैलेश बगोली दिल्ली चले गए हैं। मुख्य सचिव एसएस संधू भी इस बैठक में शामिल होंगे। राज्य प्रशासनिक सेवा के पहले बैच (2002) के ये सभी अफसर जिलों में डीएम के पद पर तैनाती के लिए अर्ह होंगे। बता दें कि 2002 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर लंबे समय से प्रमोशन की जंग लड़ रहे हैं। जबकि बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसर पदोन्नति पाकर जिलों में एसपी भी बन चुके हैं और कई इस समय भी कर रहे हैं। लेकिन इसी बैच के पीसीएस अफसरों के आईएएस में पदोन्नति में एक लाबी लंबे समय से रोड़े अटका रही थी। ये अफसर सुप्रीम कोर्ट से भी जीत गए थे। लेकिन सरकारों की चहेती लाबी ने इन्हें प्रमोट नहीं किया।
इसके बाद पीसीएस अफसर विनोद गिरि गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में मानहानि याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति जस्टिस एल नागेर राव और न्यायमूर्ति जस्टिस बीआर गवई की खंडपीठ ने इसका निस्तारण किया। खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि डीपीसी कराकर पात्र लोगों को आईएएस में पदोन्नति दी जाए।
2002 के बैच में पीसीएस अफसर ललित रयाल, आनंद श्रीवास्तव, हरीश कांडपाल, गिरधारी रावत, मेहरबान सिंह बिष्ट, आलोकपांडे, बंशीधर तिवारी, रुचि रयाल, झरना कमठान, दीप्ति सिंह, रवनीत चीमा, प्रकाश चंद, निधि यादव, प्रशांत, आशीष भटगई, विनोद गिरि गोस्वामी, संजय और नवनीत पांडे शामिल है। इन पीसीएस अफसरों को प्रमोशन होने पर आईएएस में 2013 से 2015 तक का बैच आवंटित किया जाएगा।