देहरादून। उत्तराखंड सरकार की घसियारी कल्याण योजना पहाड़ के चार जनपदों के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। अब राज्य के सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने चार जनपदों में योजना की सफलता के बाद अब चार और जिलों को इससे जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
शुरू में इसमें पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा तथा चंपावत जनपदों को जोड़ा गया था। इन जनपदों में मिली सफलता के सात माह बाद इस योजना को टिहरी ,चमोली, नैनीताल तथा बागेर जनपदों से जोड़ने का निर्णय लिया गया है।
सहकारिता मंत्री डा.धन सिंह रावत के मुताबिक प्रदेश के पर्वतीय गांवों में करीब तीन लाख महिलाएं रोज अपने कंधों पर घास का बोझ ढ़ो रही हैं। वह चारा या घर में इस्तेमाल होने वाली ज्वलनशील लकड़ी के लिए रोजाना आठ से दस घंटे तक का समय देती हैं। इस वजह से उनके कंधों में दर्द, कमर दर्द, गर्दन दर्द, घुटनों की समस्याएं आम है। उन्हें अगर आसानी से घास मिलेगा तो हर महीने करीब 300 घंटे की बचत होगी। इसके साथ ही गांव में रहकर ही उनकी आमदनी बढ़ेगी। प्रदेश में पर्वतीय क्षेत्रों में चारे की कमी के बीच महिलाओं के कंधों पर चारा लाने की बड़ी जिम्मेदारी है। इससे उन्हें मुक्त करने के लिए ही मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना लाई गई है।