सरखेत में बादल फटने के दूसरे दिन दिखा तबाही का मंजर

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मलबे के ढेर में ग्रामीणों का सामना बिखरा पड़ा हुआ
– प्रभावित गांवों में हर जगह मलबे का अंबार फैला दिखा
– कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश से हुए तबाही से लोग अब तक सहमे
देहरादून। सरखेत (मालदेवता) में शनिवार को बादल फटने से हुए तबाही के बाद एनडीआरएफ की टीम राहत व बचाव कार्य में लगी हुई है। इस आपदा में 12 लोग घायल हुए है और चार लोग अभी तक लापता है। लापता लोगों की खोजबीन के लिए सर्च अभियान चल रहा है। सरखेत के समीप ग्रामीणों के सात मकान जमींदोज हो गए है। यहां मलबे के ढेर में ग्रामीणों का सामना बिखरा पड़ा हुआ है। प्रभावित लोगों ने मालदेवता में एक स्कूल में शरण ली हुई है।
सरखेत में बादल फटने से समूचे क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। इस आपता में प्रारंभिक नुकसान 1270.20 लाख रुपए आंका गया है। आपदा के दूसरे दिन रविवार को प्रभावित गांवों में मलबे का अंबार फैला दिखा। सौंग नदी में बड़े-बड़े पत्थर और पेड़ दिखाई दिए। जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि तबाही कम नहीं हुई होगी। सरखेत के आसपास के गांवों में सबसे अधिक नुकसान हुआ। हर तरफ मलबा ही मलबा दिखाई दिया। तो कुछ जगहों में मलबे के बीच वाहनों के धंसे होने और कई जगह मकानों के क्षतिग्रस्त होने व दुकानों के बह जाने का नजारा दिखा। इस दौरान बौंठा गांव, सरखेत, पीपीसीएल व घंतू का सेरा मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है।

बादल फटने से मालदेवता, तिमली, मानसिंह वाला, भैंसवाड़ा, सेरकी व छमरोली के 72 से अधिक परिवार बादल फटने से प्रभावित हुए है। प्रत्याशी तबाही का मंजर देखकर अब तक दहशत में है। उन्होंने बताया कि बांदल नदी व क्षेत्र के गदेरों ने शनिवार सुबह साढ़े चार बजे तक पूरे क्षेत्र में जबरदस्त तबाही मचाई। इस तबाही में हर व्यक्ति पहले परिवार की सुरक्षा को लेकर डरा हुआ था। बांदल और सौंग नदी विकराल हो गई थी। करीब पौने पांच बजे से वष्रा थमी और घर के चारों और मलबा और पत्थर गिरे हुए हैं। कुछ ग्रामीण आधी रात को ही अपना सब कुछ छोड़कर जान बचाने के लिए आसपास के जंगल और ऊंचाई वालो क्षेत्रों की तरफ भाग गए।

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