उत्तराखंड में बार बार पेपर लीक क्यों हो रहे हैं : हाईकोर्ट
अगली सुनवाई 11 मार्च तय, सीबीआई जांच का कर सकती है हाईकोर्ट आदेश
नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने लगातार पेपर लीक से जुड़े मामलों की सीबीआई जे जांच कराने से जुड़ी जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद राज्य सरकार, सीबीआई तथा डीजीपी का जवाब तलब कर लिया है। जवाब दाखिल करने के लिए स्11 जुलाई तक का समय दिया गया है। इसी दिन अगली सुनवाई होगी। इस मामे में न्यायालय ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश में बार बार परीक्षाओं में घपला क्यों हो रहा है?शुक्रवार को यह जवाब तलब देहरादून निवासी बीएस नेगी समेत अन्य की जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खण्डपीठ ने जारी किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से छात्र पेपर लीक होने के कारण सड़कों पर हैं और पुलिस बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज कर रही है। सरकार इस मामले में चुप है। छात्रों को जेल भेज दिया गया। सरकार पेपर लीक कराने वालों के खिलाफ तो कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जनहित याचिका में पूरे पेपर लीक मामलों की जांच सीबीआई से जांच की मांग की गई है।
अगली सुनवाई 11 मार्च तय, सीबीआई जांच का कर सकती है हाईकोर्ट आदेश
नैनीताल। नैनीताल उच्च न्यायालय ने लगातार पेपर लीक से जुड़े मामलों की सीबीआई जे जांच कराने से जुड़ी जनहित याचिकाओं की सुनवाई के बाद राज्य सरकार, सीबीआई तथा डीजीपी का जवाब तलब कर लिया है। जवाब दाखिल करने के लिए स्11 जुलाई तक का समय दिया गया है। इसी दिन अगली सुनवाई होगी। इस मामे में न्यायालय ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश में बार बार परीक्षाओं में घपला क्यों हो रहा है?शुक्रवार को यह जवाब तलब देहरादून निवासी बीएस नेगी समेत अन्य की जनहित याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की संयुक्त खण्डपीठ ने जारी किया। याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य में पिछले कुछ दिनों से छात्र पेपर लीक होने के कारण सड़कों पर हैं और पुलिस बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज कर रही है। सरकार इस मामले में चुप है। छात्रों को जेल भेज दिया गया। सरकार पेपर लीक कराने वालों के खिलाफ तो कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। जनहित याचिका में पूरे पेपर लीक मामलों की जांच सीबीआई से जांच की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि अब युवाओं का स्थानीय पुलिस और एसटीएफ से विास नहीं है। पहले यूकेएसएसएससी ने वीडियो भर्ती, लेखपाल भर्ती व पटवारी भर्ती की परीक्षाएं कराई है तीनों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। यूकेपीएससी की भी परीक्षाओं में भी घपला हुआ है। जनहित याचिका में हिमाचल में कांस्टेबल भर्ती की सीबीआई जांच हुई। जिसके तार देहरादून हरिद्वार तक मिले। वहां की सरकार ने उसकी जांच सीबीआई से कराई। इसके वाबजूद राज्य सरकार इतने पेपर लीक होने के बाद भी इसकी जांच सीबीआई से नहीं करा रही है।